

सांसद के “हेलीकॉप्टर से उठवा लेंगे” बयान पर लीला साहू का पलटवार: “हमें हेलीकॉप्टर नहीं, पक्की सड़क चाहिए!”
सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव में सड़क की बदहाली ने ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। बरसों से गांव के लोग पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, मरीजों और स्कूली छात्रों को होती है, जिन्हें हर मौसम में कीचड़, गड्ढों और उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है। 1 साल पहले गांव की लीला साहू ने खराब सड़क को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था और सड़क बनाने की मांग की थी। तब सांसद ने आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही निर्माण किया जाएगा।
हाल ही में गर्भवती महिला लीला साहू ने दूसरा वीडियो जारी किया और कहा कि सांसद जी 1 साल हो गया आपका वादा पूरा नहीं हुआ। गांव वालों को दिक्कत होती है, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, गर्भवती महिलाओं को भी परेशान होना होता है। इस पर सांसद राजेश मिश्रा ने बड़ा ही बेतुका बयान दिया- सांसद ने कहा “हर डिलीवरी की तारीख होती है, एक हफ्ता पहले ही अस्पताल में भर्ती कर देंगे। बाकी सुविधाएं मिल जाएंगी। अगर जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर से उठवा लेंगे”
सांसद के इस बयान ने ग्रामीणों की समस्या को हल करने के बजाय मजाक बना दिया और सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना शुरू हो गई।
लीला साहू ने सांसद के बयान पर पलटवार करते हुए साफ कहा- “मैं अकेली गर्भवती नहीं हूं, गांव में और भी महिलाएं हैं। खराब सड़क की वजह से बच्चों की पढ़ाई, मरीजों की जान और इमरजेंसी में सभी को परेशानी होती है। आप हेलीकॉप्टर भेजने की बात करते हैं, लेकिन हमें हेलीकॉप्टर नहीं, पक्की सड़क चाहिए ताकि हर जरूरतमंद सही समय पर अस्पताल, स्कूल या अन्य जगह पहुंच सके।” लीला ने निडर होकर सोशल मीडिया के माध्यम से सांसद के समक्ष अपनी बात रखी, जिससे गांव के सभी लोग भावुक और जागरूक हो गए।
लीला साहू के इस साहसिक पलटवार ने न सिर्फ प्रशासन और नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी उनकी हिम्मत और सच्चाई की जमकर तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं कि नेताओं को जमीनी हकीकत समझनी चाहिए और ग्रामीणों की बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देनी चाहिए। सड़क जैसी बुनियादी सुविधा के लिए आज भी गांवों को तरसना पड़े, यह विकास के दावों पर बड़ा सवाल है।
गांव के अन्य लोगों ने भी कहा कि सड़क न होने से बारिश के मौसम में गांव पूरी तरह कट जाता है, मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है और कई बार तो जान भी जोखिम में पड़ जाती है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, किसान अपनी फसल मंडी तक नहीं पहुंचा पाते। ऐसे में सांसद का हेलीकॉप्टर वाला बयान ग्रामीणों के दर्द का मजाक उड़ाने जैसा है।
अब सवाल यही है- क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि लीला साहू और गांववालों की आवाज सुनेंगे और जल्द ही सड़क बनवाने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे?