Less Cold, Crop Also Cold : ठंड नहीं पड़ रही, तो फसलें भी नहीं पनप रही!

फसलों के अनुकूल मौसम नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी! 

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Less Cold, Crop Also Cold : ठंड नहीं पड़ रही, तो फसलें भी नहीं पनप रही!

Indore : जलवायु परिवर्तन के कारण अभी पर्याप्त ठंड नहीं पड़ रही है। इस कारण फसलों पर विपरीत प्रभाव होने लगा है। ठंड में देरी होने की वजह से फसलों में बढ़ोतरी पर भी असर दिखाई दे रहा है। फसल पीली पड़ने की भी जानकारी मिली है। अनुमान है कि इस सप्ताह ठंड बढ़ेगी, जिससे फसलों को लाभ होगा।

समुद्र के किनारों पर चक्रवात और कम दबाव के क्षेत्र बनने से इस बार अंचल के वातावरण में ठंडक में देरी हो रही। इसके चलते सीजन की बोनी के बाद फसल रफ्तार नहीं पकड़ पाई। हर साल 15 नवंबर के बाद से सर्द हवाएं असर दिखाना शुरू कर देती है। लेकिन, बीते 3 सप्ताह के दौरान बार-बार मौसम के बदलाव से फसल पर प्रभाव पड़ रहा है। संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास (इंदौर संभाग) आलोक मीणा ने बताया कि अब ठंड बढ़ने लगी है, मौसम के परिवर्तन होने के वजह से पैदावार में भी कमी आ सकती है। ठंड की कमी से फसलों का विकास नहीं हो पा रहा है।

सुबह ओस भी पड़ने लगी। आसमान में बादलों की मौजूदगी से ठंड का असर कम होने लगा है। एक कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि समुद्री तट पर दबाव क्षेत्र बनने से यहां बादलों की आंशिक मौजूदगी बनी हुई है, दो-तीन दिन में आसमान से बादल छट जाएंगे, तो ठंड का असर बढ़ने का अनुमान है। वैसे गेहूं, चना सहित सभी फसलों के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है, क्षेत्र में औसत न्यूनतम तापमान लगभग 14 डिग्री और अधिकतम तापमान 28 डिग्री के आसपास चल रहा है, बादलों की मौजूदगी से दिन और रात का तापमान बड़ा हुआ है।

देखा जाए तो सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरुआत फीकी रही। इससे फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। फसलों की बेहतरी के लिए वातावरण अनुकूल होना बहुत जरूरी था। वहीं अधिक तापमान के कारण फसलों में कीट प्रकोप और बीमारियों का खतरा रहता है। पौधों का उठाव अच्छा नहीं होगा तो फसल उत्पादन पर विपरीत असर होता है। लेकिन, दिसंबर दूसरे सप्ताह में ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल सकते हैं। अब जो ठंड की स्थिति बनी है, उससे रबी फसलों को लाभ नहीं होगा। मौसम का सर्वाधिक फायदा गेहूं की फसल को होता, जितनी ठंड बढ़े उतना ही किसान के लिए अच्छा होता है।

इस बार ठंड की दस्तक देरी से होने के चलते फसलों की बढ़ोतरी पर भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। आसमान में सतत बादलों की मौजूदगी से ठंड का असर ज्यादा नहीं हो रहा है। ऐसे में खेत-खलिहानों में भी हलचल थमी हुई है। किसान भी रबी फसलों के लिए तेज ठंड पड़ने का इंतजार कर रहे हैं। सुबह और शाम ठंड के साथ दोपहर का खुला मौसम किसान खेतों में खड़ी फसलों के लिए लाभदायक नहीं है।