यह सिलसिला जारी रहे…

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यह सिलसिला जारी रहे…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लव जिहाद और छात्र-छात्राओं को ड्रग्स सप्लाई करने के मामले में घिरे रसूखदार मछली परिवार पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। 21 अगस्त 2025 को मछली परिवार का रसूख कही जाने वाली तीन मंजिला कोठी को भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासन ने जमींदोज कर दिया। करीब छह हजार वर्ग फीट में तीन मंजिला कोठी का निर्माण तीन दशक पहले किया गया था। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है। विवाद को देखते हुए यहां सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत रिहायशी इलाकों में बिना पूर्व सूचना के कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इसका पालन करते हुए प्रशासन ने सारिक मछली और उसके भाइयों को कोठी खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। वरना यह कार्यवाही पहले ही हो गई होती। इसके पहले आरोपियों के कोकता में बने कारखाना, मदरसा, फार्म हाउस, मुर्गी फार्म, वेयर हाउस को जमींदोज करने की कार्रवाई की गई थी। उस समय सौ करोड़ रुपये की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था, जो प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

तो लव जिहाद और ड्रग्स का मामला सामने आने के बाद एक-एक कर मछली परिवार के द्वारा खड़ी की गई इमारतों को जमींदोज कर दिया गया। आरोप है कि आरोपी राजस्थान से भी ड्रग लाते थे। सड़क के रास्ते नशे का सामान लाया जाता था। इसके बाद भोपाल के अलग-अलग पब और लाउंज में पुराने और भरोसेमंद फिक्स कस्टमरों तक ड्रग्स पहुंचाई जाती थी। और नशे की लत लगाकर लव जिहाद का घृणित खेल खेला जाता था।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘लव जिहाद’ और ड्रग्स माफिया को लेकर पिछले दिनों बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महिलाओं पर कुदृष्टि डालने वाले, ड्रग माफिया और लव जिहादियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा। डॉ. मोहन यादव के इसी निर्देश पर लव जिहाद हो या ड्रग माफिया, इनकी आपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए शिकंजा कसा जा रहा है। डॉ. मोहन यादव की स्पष्ट नीति है कि राज्य सरकार किसी अपराधी को छोड़ने वाली नहीं है। सबको एक-एक कर ठिकाने लगाएंगे। सभी प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाते हुए बहन-बेटियों को हर संभव सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। और प्रदेश सरकार ऐसी कार्यवाहियां करके अपने संकल्प पर खरी साबित हो रही है।

वास्तव में देखा जाए तो माफियाओं की रियासत एक-दो दिन में नहीं बनती बल्कि दशकों में उनका यह साम्राज्य स्थापित होता है। और इस साम्राज्य की नींव में सैकड़ो निर्दोष परिवार जमींदोज हो जाते हैं। और इन कई दशकों तक पुलिस प्रशासन इन माफियाओं की अपराधिक गतिविधियों से मुंह फेरे रहता है। पुलिस-प्रशासन पर इनकी गतिविधियों को नजरअंदाज करने का खासा दबाव-प्रभाव रहता है। और इस दबाव-प्रभाव के बीच माफियाओं की तरफ से सम्मान से भरा प्रलोभन भी असरकारी साबित होता है। समाज में संदेश यही जाता है कि सत्ता के संरक्षण में अपराधी आतंक का खुला खेल खेलते हैं। यह दो-चार दिन की बात नहीं है बल्कि आजादी के बाद से अब तक का यह दशकों का खेल माफियाओं को समाज में ताकतवर के रूप में स्थापित कर चुका है। और इन सरगनाओं और उनकी जगीरों को ध्वस्त करने का काम उत्तर प्रदेश में मिसाल बन चुका है। तो मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लव जिहाद ड्रग माफिया और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर मिशन जारी है।

यह बात साफ है कि अपराधियों की दशकों से बनी सल्तनत को मिट्टी में मिलने का काम एक-दो दिन या एक-दो साल में भी पूरा नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सशक्त उदाहरण हैं, जिन्होंने सालों तक कार्यवाही कर ऐसे माफियाओं को ध्वस्त कर दिया है। और अब मध्य प्रदेश में हमेशा आनंद की बात करने वाले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मध्य प्रदेश को अपराधियों से मुक्त करने की कार्यवाही जारी है। बड़ी बात यही है कि अपराधियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। छोटे-छोटे अपराध करके बहुत सारे अपराधी खुद को माफिया की श्रेणी में शामिल कर चुके हैं। इन सभी का खात्मा कर समाज को अपराधियों से राहत दिलाने और मध्य प्रदेश को माफियाओं से मुक्त करने के लिए यह जरूरी है कि सरकार का अपराधी और माफियाओं के विरोध में कठोरतम कार्यवाही का यह सिलसिला लगातार जारी रहे… और यह स्थिति न बन पाए कि पुराने माफिया खत्म हों और नए माफिया पैदा हो जाएं।