

Letters of Sumitra Mahajan : पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की दो चिट्ठियों से राजनीति गरमाई, महापौर मिलने पहुंचे!
Indore : इंदौर संसदीय क्षेत्र से लगातार 8 बार सांसद रही सुमित्रा महाजन (ताई) इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में दो पत्र लिखे, जिनमें एक पत्र उन्होंने महापौर पुष्यमित्र भार्गव को लिखा। उसका असर ये हुआ कि महापौर उनसे मिलने घर पहुंचे और उनसे लंबी बात की। अभी ये सामने नहीं आया कि दोनों के बीच क्या बात हुई और ताई की शिकायतों का समाधान हुआ या नहीं।
सुमित्रा महाजन के लिखे दो पत्र सामने आने के बाद लोगों को समझ आ रहा है कि ‘मेट्रो ट्रेन’ और ‘भारत वन’ को लेकर सुमित्रा महाजन क्या चाहती हैं। शहर की भाजपा राजनीति में ताई की भूमिका हमेशा समीक्षक की रही है। वे शहर में किसी भी नए प्रोजेक्ट को आसानी से स्वीकार नहीं करती। वे उन लोगों की तरफ से अपना पक्ष रखती हैं, जिनका अपना अलग नजरिया होता है। इस बार भी लोगों को ताई की दो मामलों में पक्षधरता नजर आई।
पूर्व सांसद की राजनीति की धारा हमेशा उनकी चिट्ठियों से बहती रही है। वे सांसद थीं, तब भी और अभी भी यही सिलसिला जारी है। चर्चा में आई उनकी दो चिट्ठियों में से पहली चिट्ठी में उन्होंने इंदौर की मेट्रो रेल के मार्ग को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने सभी विधायकों और सांसद को मेट्रो के मुद्दे पर साझा बैठक करने की अपील की है। दूसरी चिट्ठी महापौर पुष्यमित्र भार्गव को लिखी गई थी, जिसमें उन्होंने कई जगह कटाक्ष भी किए। उन्होंने महापौर को लिखा कि आपके पास मिलने का समय नहीं है, तो आप मुझे समय दे तो मैं आपसे मिलने आती हूं। इस पत्र में कई जगह उन्होंने महापौर के फैसलों पर टिप्पणी भी की। उसी का असर हुआ कि महापौर उनसे मिलने पहुंचे हैं।
सुमित्रा महाजन की इन दोनों चिट्ठियों को लेकर लोगों का मानना है कि वे हर विकास कार्य में पहले भी अनावश्यक टिप्पणियां करती रही हैं। अब वे मेट्रो के मामले में भी गैर तकनीकी सलाह देने की कोशिश कर रही हैं। ताई का तर्क है कि एमजी रोड से मेट्रो को निकाले जाने से पुरातात्विक महत्व की इमारतों पर असर पड़ेगा। जबकि, घंटा घर के पास से दशकों से ट्रेन का संचालन हो रहा है।
मेट्रों को लेकर राजनीति चरम पर
मेट्रो के कमर्शियल रन को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन, इस बीच ट्रेन के अंडर ग्राउंड ट्रैक को लेकर राजनीति खत्म नहीं हुई। मेट्रो को एमजी रोड के बजाए कनाड़िया रोड से ही अंडर ग्राउंड करने की मांग पहले भी हो चुकी है। अब सुमित्रा महाजन ने भी महापौर पुष्य मित्र भार्गव को पत्र लिखकर मेट्रो के लिए एमजी रोड के बजाए सुभाष मार्ग का सुझाव दिया। ताई ने यह पत्र अप्रैल महीने में लिखा था, जो अब सार्वजनिक हुआ है।
उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि एमजी रोड पर सघन बस्ती और पुरातत्व महत्व के निर्माण हैं। वहां से मेट्रो ट्रेन भूमिगत होती है, तो नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इसे सुभाष मार्ग से ले जाना चाहिए। ताई ने यह सुझाव भी दिया कि मेट्रो को पत्रकार कॉलोनी के आगे पलासिया से 56 दुकान, रेसकोर्स रोड, राजकुमार ब्रिज से वीआईपी रोड से आगे एरोड्रम तक ले जाया जा सकता है। ताई ने यह भी लिखा कि समय-समय पर मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों की बैठक होना चाहिए।
ताई ने तीन साल पहले भी मेट्रो को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था और राजवाड़ा के पास भूमिगत मेट्रो स्टेशन को लेकर आपत्ति ली थी। इसके बाद अफसरों ने मेट्रो के रुट में बदलाव करते हुए राजवाड़ा के बजाए मेट्रो का स्टेशन सदर बाजार के पुराने एसपी कार्यालय में परिवर्तित किया था। जानकारों का मानना है कि इंदौर में मेट्रों प्रोजेक्ट को लेकर बहुत ज्यादा राजनीति हो रही है। सभी नेता इसे लेकर अपनी राय दे रहे हैं, जो तकनीकी रूप से संभव नहीं है। मेट्रो रूट को बार-बार बदला भी नहीं जा सकता और न इसे मांगों के आधार पर अंडरग्राउंड किया जा सकता है।