बालक की हत्या कर लाश को कुंए में फेंकने वाले 2 भाईयों को आजीवन कारावास

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नीमच: विशेष न्यायाधीश (एट्रोसीटी एक्ट),नीमच द्वारा शराब पीकर पूर्व में हुवे विवाद के कारण 16 वर्षीय बालक की हत्या कर उसकी लाश को कुंए में फेंक कर साक्ष्य नष्ट करने वाले दो आरोपी भाईयों (1) कमल पिता तुलसीराम कुशवाह,उम्र-24 वर्ष व (2)बबलू पिता तुलसीराम कुशवाह, उम्र-23 वर्ष, दोनों निवासी-काछी मोहल्ला,तहसील मनासा,जिला नीमच को धारा 364(क)/34, 302/34, 201 भारतीय दण्ड संहिता,1860 के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 3-3 हजार रूपए के जुर्माने से दण्डित किया।

विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 07.फरवरी.2019 को फरियादी दीपक बांछडा का साला दिनेश बांछडा उम्र 16 वर्ष शाम को लगभग 06ः00 बजे ग्राम ओछडा से स्कूटी लेकर मनासा नोट्स लेने गया था,फिर वह घर पर वापस नहीं आया।

इसके बाद फरियादी की पत्नी ज्योति के मोबाइल पर रात्री 08ः30 बजे दिनेश के मोबाईल से अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और उसने कहा कि 20 लाख रूपए दे जाओ और दिनेश को ले जाओ।जिस कारण फरियादी दीपक द्वारा घटना की रिपोर्ट थाना मनासा में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध की गई, जिस पर से अपराध क्रमांक 74/2019, धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।

इसके पश्चात् दिनांक 11.फरवरी.2019 को सत्यनारायण नागदा के ग्राम पालना तलाई स्थित कुंए में एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली। जिसकी पहचान करने पर दिनेश बाछड़ा की लाश होना पाई गई। मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद प्रकरण में धारा 302, 201, 364(क)भारतीय दण्ड संहिता, 1860 का ईजाफा किया गया।

विवेचना के दौरान दिनांक 12.02.2019 को मुखबीर सूचना के आधार पर एक बाल अपचारी को गिरफ्तार कर पुछताछ किये जाने पर उसके द्वारा बताया गया कि लगभग 6-7 माह पूर्व वह, कमल व बबलू तीनों ग्राम बर्डिया,बांछडा मोहल्ला गये थे,जहां पर शराब के नशें में उनका मृतक से विवाद हो गया था।

इसी रंजीश के कारण उन्होंने घटना दिन पेपर देने के बहाने दिनेश को मनासा बुलाया था।इसके बाद बाल अपचारी तथा आरोपी कमल व बबलू तीनों दिनेश को लेकर उसके खेत पर गये थे,जहां पर तीनों ने मिलकर दिनेश को जमीन पर पटक दिया।

इसके बाद आरोपी बबलू व बाल अपचारी ने उसके हाथ-पैर पकड़ लिए व आरोपी कमल ने गला दबाते हुए तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।

बाद में तीनों ने मिलकर मृतक की स्कूटी को वेयर हाउस के पास स्थित तालाब में फेंक दी व मृतक दिनेश की लाश को साडी से बांधकर कंधे पर उठाकर ले जाकर सत्यनारायण नागदा के कुंए में फेंक दिया।साथ ही पुलिस को गुमराह किए जाने के उद्दैश्य से आरोपीगण द्वारा घटना को फिरौती के कारण अपहरण का मामला प्रतीत हो ऐसा बताने के लिए मृतक दिनेश के मोबाईल से उसकी बहन ज्योति को फोन लगाकर 20 लाख रूपये देने की मांग की गई।

पड़ताल के दौरान मनासा पुलिस द्वारा तीनों आरोपीयों को गिरफ्तार कर, उनकी निशानदेही से स्कूटी, मोबाईल को जप्त कर,विवेचना पूर्ण कर एक बाल अपचारी के विरूद्ध बाल न्यायालय एवं आरोपी कमल व बबलू के विरूद्ध विशेष न्यायालय (एट्रोसीटी एक्ट),नीमच के न्यायालय में धारा 364(क)/34, 302/34, 201 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित करते हुवे इसमें निरीक्षक कन्हैयालाल डांगी को साक्षीयों पर नियंत्रण रखने एवं उन्हें संरक्षण प्रदान किये जाने हेतू नोडल अधिकारी बनाया गया।

अभियोजन द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण जिसमें वैज्ञानिक साक्ष्य को प्रमाणित करने वाले साक्षीगण, काॅल डिटेल आदि को साबित करने वाले साईबर एक्सपर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य को साबित करने वाले साक्षीगण के बयान कराकर आरोपीयों द्वारा पूर्व रंजीश के कारण दिनेश की हत्या कर साक्ष्य नष्ट करने के उद्दैश्य से उसकी लाश को कुंए में फेंकने के अपराध को प्रमाणित कराकर उनको कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया।

विशेष न्यायाधीश (एट्रोसीटी एक्ट), नीमच द्वारा आरोपीगणों को धारा 364(क)/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में आजीवन कारावास एवं 1-1हजार रुपए जुर्माना,धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में आजीवन कारावास एवं 1-1 रुपए जुर्माना तथा धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रूपए जुर्माने से दण्डित किया।

न्यायालय में शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जगदीश चैहान द्वारा की गई व सहयोग चंद्रकांत नाफडे, एडीपीओ द्वारा किया गया।