नाबालिग पीड़िता के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपियों को आजीवन कारावास

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Ratlam News: नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को हुआ 10 वर्ष का कठोर कारावास

कुं. पुष्पराजसिंह की रिपोर्ट

बागली। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बागली नरेंद्रकुमार गुप्ता ने 2 साल से अधिक पुराने नाबालिग पीड़िता के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा से दण्डित किया।
घटना 1 जून 2020 की है जिसमें आरोपियों ने पीड़िता को उदयनगर थाने के पीपलपाटी जंगलों में ले
जाकर घटना को अंजाम दिया था। घटना की शिकायत अगले दिन बागली थाने पर दर्ज की गई थी। लिपिबद्ध फैसले की मुख्य बात यह है कि पीड़िता की पहचान छुपाने के लिए न्यायलय ने पीड़िता और उसके परिजनों को रिश्तों के आधार पर सम्बोधित किया।
जानकारी के अनुसार पीड़िता की माता ने 2 जून 2020 को बागली थाने पर पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी जिसमें कहा गया था कि 1 जून शाम 7:30 बजे कोई उनकी लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया है। उन्हें रामचरण पिता अनारसिंह कोली पर संदेह है। बागली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की और पीड़िता की तलाश शुरू की।
पुलिस ने आरोपी रामचरण को राउंड अप कर पूछताछ की। साथ ही आरोपी चन्दन पिता मांगीलाल कोली निवासी पीपलपाटी थाना उदयनगर को हिरासत में लेकर पीड़िता को बरामद किया गया और बागली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल करवाकर पीड़िता को उसके पिता के सुपुर्द किया गया।

मेडिकल के दौरान आरोपी और पीड़िता के डीएनए नमूने भी लिए गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहाँ पर आरोपियों द्वारा अपराध करना स्वीकार नहीं किया। साथ ही आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने बचाव में यह तर्क भी दिए कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि घटना के समय पीड़िता की आयु 18 वर्ष से कम थी। साथ ही बचाव में कई अन्य तर्क भी दिए गए और एक गवाह के कथन भी करवाए गए। वहीँ अभियोजन पक्ष ने तत्कालीन बागली थाना प्रभारी, सीबीएमओ, बागली चिकित्सा केंद्र के मेडिकल अफसर डॉ हेमंत पटेल, एएसआई देवीसिंह निनामा, विलियम खालको और मोतीलाल के कथन करवाए। साथ ही पीड़िता की आयु के संबंध में स्कूल का स्कालर रजिस्टर और विद्यालय का प्रमाणपत्र एवं डीएनए रिपोर्ट और आरोपी चन्दन की मेडिकल रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये। विचारण के दौरान डीएनए रिपोर्ट से यह साबित भी हुआ कि आरोपी चन्दन ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है। साथ ही विचारण के दौरान न्यायालय ने यह भी पाया कि अभियुक्त रामचरण द्वारा एक बालिका को उसके घर से जंगल ले जाये जाने तथा वहां पर अभियुक्त चन्दन को सुपूर्द कर पीड़िता को धमकाये जाने में उसका स्पष्ट आशय अभियुक्त चन्दन द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कार किये जाने में साशय सहयोग करने का रहा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी रामचरण और चंदन को दोषसिद्ध करार दिया। जिसमें दोनों आरोपियों को पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 एम सहपठित धारा 6 के तहत आजीवन कारावास और 2-2 हजार रुपए के अर्थदंड एवं धारा 363 के तहत 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार के अर्थदंड व धारा 363 (क) के तहत 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार के अर्थदंड की सजा से दण्डित किया। साथ ही आरोपी रामचरण को 506 (भाग – 2) के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दण्डित किया। साथ ही अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित करने की व्यवस्था भी की। विचरण के दौरान आरोपी रामचरण की जमानत हो गई थी और चन्दन न्यायिक अभिरक्षा में ही था। इसलिए न्यायालय ने आरोपी रामचरण का जेल वारंट भी जारी किया। साथ ही अर्थदंड की सम्पूर्ण राशि पीड़िता को देने का निर्णय भी किया। शासन की और से पैरवी एडीपीओ गजराजसिंह चौहान ने की।