

Life Imprisonment to 5 Accused : मारपीट और गैंगरेप के 5 आरोपियों को उम्रकैद, फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला!
Indore : जिले की महू की अदालत ने सोमवार को 6 महीने पहले जाम गेट पर हुए गैंगरेप और आर्मी के ट्रेनी अफसरों के साथ मारपीट मामले में 5 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक, आरोपियों के दोष सिद्ध करने के लिए 32 लोगों की गवाही और डीएनए रिपोर्ट अहम आधार रहे। मामले में 6 आरोपी थे। एक आरोपी नाबालिग है, उसका बाल अदालत में केस चल रहा है।
जिस घटना को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाया, वह 11 सितंबर 2024 की रात करीब ढाई से 3 बजे के बीच हुई। बड़गोंदा थाना क्षेत्र के जाम गेट के पास आर्मी फायरिंग रेंज में दो ट्रेनी ऑफिसर अपनी महिला मित्रों के साथ घूमने आए थे। तभी 6 आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की। आरोपियों ने एक ट्रेनी ऑफिसर और एक महिला मित्र को 10 लाख रुपए लाने का कहकर उन्हें भेज दिया था। इसके बाद अनिल और रितेश नाम के आरोपी ने महिला के साथ गैंगरेप किया था।
आर्मी अफसर ने घाट से ऊपर आकर अपने कमांडेंट को सूचना दी। आर्मी ने महू पुलिस और ग्रामीण एसपी को वारदात की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची तब तक बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले थो। पुलिस ने घायल आर्मी अफसर और उनकी दोनों महिला मित्र का रेस्क्यू कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था।
घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। जबकि, अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्णय लिया। पुलिस ने एक महीने के भीतर ही 12 अक्टूबर को जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया। 26 अक्टूबर से अभियोजन पक्ष ने सबूत पेश करने शुरू किए। करीब 6 महीने तक चली सुनवाई के बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रविशंकर दोहरे ने पांच आरोपियों को सजा सुनाई।
इन आरोपियों को हुई सजा
– अनिल (27) पिता मदन बारोर, निवासी गौड़कुआ, खुर्दा खुर्दी
– पवन (23) पिता लाल बंसूनिया, निवासी गौड़कुआ, खुर्दा खुर्दी
– रितेश (25) पिता देवेश भाभर, निवासी बिलामी
– रोहित (23) पिता ज्ञान सिंह गिरवाल, निवासी नंदगांव
– सचिन (25) पिता राधेश्याम मकवाना, निवासी चैनपुर
मारपीट और गैंगरेप के आरोपी ऐसे पकड़ाए
आरोपियों की पहचान करने की चुनौती थी। जाम गेट पर न तो कोई सीसीटीवी लगे थे और न रात के वक्त किसी ने भी वारदात होते देखा था। ऐसे में पुलिस ने बड़गोंदा थाने में पिछले 10 सालों में पदस्थ टीआई से हिस्ट्री शीटर्स की फोटो मंगाई। इनमें से एक फोटो मुख्य आरोपी अनिल की थी। ये फोटो आर्मी के ट्रेनी अफसर को दिखाई गई। उसने तत्काल ही अनिल को पहचान लिया।
इसके बाद गैंगरेप की पीड़िता ने भी इसकी पुष्टि की। पुलिस ने 12 सितंबर को अनिल को मानपुर से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के आधार पर उसके गांव के रहने वाले पवन को भी गिरफ्तार किया। अनिल से पूछताछ में पता चला कि गैंगरेप में रितेश भी शामिल था। कट्टा दिखाकर उसी ने धमकाया था। बाद में पुलिस ने रितेश और सबसे आखिरी में संदीप, रोहित सिंह गिरवाल और सचिन मकवाना को पकड़ा गया।