सनसनीखेज अंधे कत्ल में पति-पत्नी को आजीवन कारावास!

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सिंहस्थ-2004

सनसनीखेज अंधे कत्ल में पति-पत्नी को आजीवन कारावास!

Bhopal : महिला से अवैध संबंध रखने वाले आशिक को पत्नी के सहयोग से शराब पिलाकर जान से मारने के मामले में प्रधान सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्र ने
आरोपीगण शमशेर उर्फ बबलू एवं आशा ठाकुर को धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया।

प्रकरण में जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया ने बताया कि फरियादी बसंत ने अपनी पत्नी के साथ थाना हबीबगंज पर पंहुचकर सूचना दी थी कि उनका बेटा 1अक्टूबर 2021 को घर से निकला था जो वापस लौटकर नही आया, सूचना पर पुलिस द्वारा 04/10/2021 को गुम इंसान क्रमांक 74/21 की रिपोर्ट दर्ज की।

24.मई.2022 को पुलिस थाना हबीबगंज को थाने मे प्राप्त सूचना की तस्दीक में संदेही शमशेर उर्फ बबलू पिता मुनव्बर खान निवासी झुग्गी नंबर 84 साईबाबा मंदिर के पास हबीबगंज से साक्षीगण पंकज और दीपक को थाने पर लाकर पूछताछ की, पूछताछ पर संदेही शमशेर उर्फ बबलू ने बताया कि उसने उसके साथ उसकी झुग्गी में पत्नी के रूप में रह रही महिला आशा ठाकुर से मृतक शिवदत्ता भालेराव से अवैध संबंध के शक पर 7-8 महीने पहले 1-10-2021 को 11 बजे षडयंत्र पूर्वक अपनी महिला साथी के साथ मिलकर उसे शराब पिलाकर नशे की हालात में सीने मे चाकू और सिर में लोहे के खिले से चोट पंहुचाकर हत्या कर दी हैं।

और शव को आशा ठाकुर की मदद से झुग्गी के अंदर ही एक बंद गली मे नमक डालकर दरी में लपेटकर ईट-गिट्टी के मलबे से छुपा दिया हैं, 3 दिन पहले शराब के नशे मे उस्तरे से शिवा की बॉडी से उसका सिर काटकर सिर को एक कपडे में लपेटकर मोहल्ले में घूमने के बाद घर के शौचालय में, एक लेडीज सफेद छीटेदार कुर्ते में लपेटकर छुपा दी हैं एवं मानव का शेष भाग का धड जो ईट-मिट्टी के मलबे में छुपा हुआ हैं, सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा आरोपीगण शमशेर उर्फ बबलू एवं आशा ठाकुर से सूचना के आधार पर पुलिस थाना हबीबगंज द्वारा आरोपी की निशानदेही पर झुग्गी नं 84 से मानव का धड एवं कटी हुई मंडी एवं हत्या मे प्रयुक्‍त चाकू, खिल्ला, उस्तरा एवं वह कपडे जिनमें लपेटकर धड एवं मुंडी को रखा गया था आरोपीगण से जप्त किया गया, थाने पर अपराध क्रमांक 274/22 धारा 302, 201, 120-बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।

विवेचना के दौरान जप्तशुदा डीएनए को परीक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया, साथ ही मृतक की पहचान सुनिश्चित किए जाने के लिए मृतक एवं उसकी माता-पिता के डीएनए सेम्पल मिलान हेतु भेजे गए जिसके आधार पर मृतक की पहचान बसंत भालेराव एवं लक्ष्मी भालेराव की जैविक पुत्र शिवदत्त उर्फ शिवा के रूप मे हुई, विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा मामले में 16 साक्षियों के साक्ष्य, 43 प्रर्दश दस्तावेज एवं 36 आर्टिकल से संदेह से परे आरोपीगण के विरूद्ध अपराध प्रमाणित किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य, दस्तावेज, तर्को एवं डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपीगण शमशेर उर्फ बबलू एवं आशा ठाकुर को धारा 302, 201, 120-बी भादवि में दोष सिद्ध पाते हुए धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1,000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 201/34 भादवि मे 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1हजार रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 120-बी/34 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई ।