सिमी सरगना अबू फैजल सहित चार आतंकियों को उम्रकैद
लगभग 9 वर्ष बाद 4 आतंकियों को किया गया दण्डित
रमेश सोनी की रिपोर्ट
भोपाल में NIA की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर सिमी सरगना अबू फैजल के साथ तीन अन्य आतंकियों उमर,सादिक, और इमरान नागौरी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
यह सजा वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश की सेंधवा बार्डर पर सिमी आतंकियों और एटीएस के बिच हुई मुठभेड़ मामले में सुनाई गई है। बता दें कि आतंकी इमरान नागौरी और अबू फैजल भोपाल की सेन्ट्रल जेल में बंद है।
इन आतंकियों को धारा-16 औऱ 4/5 यूएपीए एक्ट के तहत ट्रिपल उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
जनसम्पर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी जिला भोपाल ने बताया कि न्यायालय रघुवीर पटेल विशेष न्यायाधीश (एन आई ए)भोपाल ने सिमी के 4 आतंकियों को जिसमें अबु फलज को धारा 307,468 भादवि 25,27 आर्म्स एक्ट में 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रूपए अर्थदंड,इरफान नागौरी को धारा 307 भादवि 25/27 आर्म्स एक्ट में 10 वर्ष का कारावास व 10 हजार रूपए का जुर्माना एवं उमेर दण्डोती तथा मोहम्मद सादिक को धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम,धारा 16 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अन्तर्गत तिहरे आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई।
प्रकरण में शासन की और से पैरवी राजेन्द्र उपाध्याय एवं निरेन्द्र शर्मा,विक्रम सिंह विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।
क्या था मामला
01/अक्टूबर/2013 को अबु फैजल व उसके साथी खण्डवा जेल म.प्र. से जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे।
एटीएस आईजी को सूचना प्राप्त हुई थी कि खण्डवा जेल से फरार सिमी के आतंकी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के समीपवर्ती जिले में आने वाले है।
एटीएस की टीम सेंधवा पहुंची जहां पर 23,24 दिसम्बर 2013 के दरमियानी रात को अबु फैजल और इरफान नागौरी तथा खालिद अहमद की एटीएस से मुठभेड हुई,जिसमें तीनों लोगों ने टीम पर जानलेवा हमला किया,एटीएस द्वारा तीनों लोगों को पकड़ लिया गया और उनसे पिस्टल तथा कारतूस बरामद हुऐ।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि विस्फोटक उन्होंने सादिक निवासी सोलापुर को दे दिया हैं। एटीएस ने सादिक को पकडा और उससे पूछतांछ की तो उसने विस्फोटक का उमेर दण्डोती के पास होना बताया।उमेर दण्डोती को पकड़ा तो उससे पिस्टल, जिलेटिन राड,डायनामाइट बरामद हुआ।
पूछताछ में उन्होंने अन्य आरोपियों का भी साथ में होना बताया। एटीएस ने 9 लोगों के विरूद्ध चालान विशेष न्यायालय (एनआईए) में पेश किया।
साथ ही अन्य आरोपी फरार थे। फरार आरोपियों की पुलिस मुठभेड में मौत हो गई थी। अभियोजन ने अपने पक्ष समर्थन में 36 साक्षियों के साक्ष अंकित कराई गई।
मामले में न्यायालय ने 4 आरोपी गणों को दोषी ठहराया तथा 4 आरोपी गणों को दोषमुक्त किया गया।