वक्त और हालात के तालमेल को समझना जरूरी है क्योंकि कहावत है वक्त और हालात एक जैसे नहीं होते, बदलते रहते हैं।
कभी वक्त साथ नहीं देता तो हालात बिगड़ जाते हैं, कभी हालत ठीक नहीं हो तो वक्त बिगड़ जाता है और जब दोनों ठीक होते हैं तो हमारी चांदी ही चांदी होती है।
जब वक्त और हालात साथ ना दे तो दिमाग में ठंडक, विचारो में संयम और काम में समझदारी इन बातों का ध्यान रखना चाहिये।
जीवन में किसी से ना डरो, पर कानून से डरो, इसलिए जब वक्त और हालात बिगड़े हो तो कोई भी गैरकानूनी काम ना करें। समय बदलते देर नहीं लगेगी। पर अपराध की श्रेणी में आ जाने के बाद बाहर निकलना बहुत मुश्किल है।
कई कमजोर दिल सुसाइड करने का ठानते है। यह विचार कोई भी समस्या का निदान कभी नहीं होता। ऐसे समय में आप अपने मन की बात अपने दोस्त, परिचित, रिश्तेदार, परिवार सभी से करें। हो सकता है उनमें से कोई आपके साथ मदद के लिए खड़ा हो।
मन में शांति और हौसले के लिए ईश्वर को याद करें जो भी हमे मंत्र, भजन या पाठ आपको याद हो, उसको पढ़ें।
ऐसे समय के आत्म चिंतन से ही हमें मालूम पड़ता है कि हमारे से यदि कोई गलती हुई है तो कहां हुई और भविष्य मे कैसे कार्यशैली को सुधारे।