सुंदरता और सिंगार यह आपके जीवन के दो अमूल्य साथी हैं यदि इनका साथ है तो यह साबित होता है कि आप स्वयं से भी प्यार करते हैं। आप जितने अच्छे रह सकते हैं, रहे, जितनी आपके पास श्रृंगार की साम्रगी उपलब्ध हो, उन्हें वापरे।
अगर व्यक्ति अपने बोलने ,चलने, खाने, रहने, पहनने का तरीका बना ले यानी स्वयं की स्टाइल बना ले तो वह आकर्षण का केंद्र हो जाता है। व्यक्ति सिर्फ धन से रईस नहीं होता है। स्वस्थ शरीर और तंदुरुस्त मन यह असली रईसी का सबब है।
पर हां इस बात का ध्यान रखें कि आप यह सब मात्र दिखावे के लिए ना करें और कोई ऐसी हरकत ना करें की वह फुहडता बन जाए।
कई बार व्यक्ति बोलते बोलते एकदम तेज बोलने लगता हैं। मोबाइल पर भी बड़ी तेजी से चिल्लाने लगता हैं। व्यक्ति ने इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए और कहीं कोई गलती हो तो उसे कंट्रोल करना चाहिए। किसी भी मुसीबत में आवेश में ना आकर इस बात पर ध्यान रखे कि किस को किस तरह शांतिपूर्ण ढंग से टेकल करना है। जो आपके पास बजट है उसी के अंतर्गत अपने लिए चीजें खरीदे, दिखावे पर न जाये।
घरेलू नुस्खों से अपने आप को सुंदर और स्वस्थ बनाए रखो, ताजी हवा और धूप लेते रहो, नींद भी समय के साथ भरपूर लो। जहां तक हो सके बिना वजह अखबार टीवी न्यूज़ यह देखना बंद कर दो फिर देखिए आप अपने विचारों में कितना परिवर्तन और पॉजिटिव विचार आएंगे। स्वयं से प्यार करने का यह मतलब भी होता है कि जो आपके पास है, उसमें आप बहुत संतुष्ट है। किसी को भी देख कर अपने आप को कम ज्यादा ना आँकें।
कई व्यक्तियों के साथ अकसर ऐसा होता है कि जब वे कोई भी प्रतिष्ठित, नामचीन, सेलिब्रिटी या ग्लैमरस व्यक्तित्व को देखते हैं, तो वे नर्वस हो जाते हैं, अपने आप को छोटा समझ बैठते हैं। कोई भी कितना बड़ा या छोटा हो, आप जो हैं, वह हैं। आप में कई गुण अवगुण होंगे। उनमें भी कई गुण अवगुण होंगे। किसी से भी तुलनात्मक रूख नहीं रखें।
अशोक मेहता
इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)