व्यक्ति की दिनचर्या उसके जीवन और स्वास्थ्य पर सीधा असर रखती है। यदि व्यक्ति व्यस्त रहता है तो वह स्वस्थ और लंबी उम्र जीता है और यदि आलसी है तो वह अधिकांशतः अस्वस्थ और उसकी उम्र पर भी इसका असर पड़ता है।
आप देखिए घरो में रहने वाली महिला या पुरुष अधिकतर उनका कम उम्र में भी मोटापा या पेट निकला हुआ होगा या घुटने का दर्द होगा या कहीं ना कहीं कुछ न कुछ परेशान होंगी और वही ग्रामीण और श्रमिक महिलाएं या पुरुष चुस्त-दुरुस्त दिखेगे क्योंकि वे अलसुबह से ही अपने आप को कामकाज में व्यस्त रखते है। घर में रहने वाले व्यक्ति यदि सुबह जल्दी उठे बिस्तर पर ही अपने शरीर को इधर-उधर हिलाए, थोड़ा सा वार्मप कर ले, उठकर अपने बिस्तर की चादर की घड़ी कर ले, कमरे को साफ सफाई से सजावट में रखने की आदत डाल ले, घर के छोटे-मोटे सभी काम स्वयं करें, यदि बगीचा है तो उसमें पौधों में पानी डालना, गाड़ी की सफाई करने लगे तो उनका शरीर व्यस्त रहेगा और चुस्त रहेगा।
बहुत से व्यक्ति जो स्वयं कपड़े धोते हैं खाना बनाते हैं बर्तन साफ करते हैं झाड़ू लगाते हैं, दुकान जाते हैं फैक्ट्री जाते हैं या जो भी काम करते हैं काम काज में व्यस्त रहते हैं इन सब काम को करने में जो उनके शरीर का जो मुमेंट होता है वह अपने आप में एक एक्सरसाइज हो जाती है एक योग होता जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पानी पीने के लिए भी यदि अपने किसी असिस्टेंट को आवाज लगाते हैं कोई भी काम उसके स्वयं नहीं करते हैं वे आलसी हो जाते हैं और यही आलस्य उनके शरीर पर दिमाग पर असर डालता है और धीरे-धीरे उनकी अस्वस्थता से उम्र कम होने लगती है।
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आलसी व्यक्ति को ब्लड प्रेशर शुगर कोलेस्ट्रॉल ह्रदय रोग हाथ पैर घुटनों में दर्द सिर दर्द यह अमूमन सभी बीमारियां घेर लेती है। चुस्ती व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत मजबूत होती है इसलिए वे स्वस्थ रहते हैं।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)