Life Sentence for Seven : बारह साल पुराने हत्या के मामले में कोर्ट ने 7 को उम्रकैद की सजा दी!
Indore : शुक्रवार को जिला कोर्ट ने कांग्रेस नेता समेत सात दोषियों को 12 साल पुराने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। जिन दोषियों को सजा मिली उनमें कांग्रेस नेता कपिल सोनकर, तनवीर, देवेंद्र, कालू उर्फ पप्पू, जयपाल सिंह, भूपेंद्र उर्फ धर्मेंद्र ठाकुर और एक अन्य शामिल हैं।
हत्या और हत्या का षड्यंत्र रचने की धाराओं में आरोपियों को सजा सुनाई गई तो कोर्ट परिसर में मौजूद आरोपियों के परिजन रोने लगे। इस हत्याकांड के बाद इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-तीन में कई हिंसक घटनाएं घटी थी। मामला 19 दिसंबर 2011 का छोटी ग्वाल टोली इलाके का है। यहां मनोहर वर्मा नाम के हम्माल को इलाके के आधा दर्जन बदमाशों ने घेरकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने तनवीर, कालू, देवेंद्र और शूटर भूपेंद्र को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बीजेपी नेता कपिल सोनकर को साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाया था।
इसके बाद कई महीने तक कपिल की राजनीतिक कारणों से गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। बाद में बीजेपी पर बने दबाव के चलते कपिल ने सरेंडर किया था। जेल से छूटने के बाद कपिल ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस जॉइन कर ली थी। मनोहर वर्मा की हत्या का एक आरोपी भूपेंद्र ठाकुर पहले से ही जेल में है।मंत्री की मौत के बाद विवाद
तत्कालीन भाजपा शासन के मंत्री प्रकाश सोनकर की मौत के बाद अवैध वसूली को लेकर विवाद उपजा था। जिसमें इंदर पहलवान की भी शूटरों ने हत्या कर दी थी। इस मामले में नरेन्द्र और उसके साथी का नाम सामने आया था। इसके बाद इलाके में गैंगवार शुरू हो गई थी। पुलिस ने उस समय कई गुंडों पर कार्रवाई की थी।
कोर्ट में मौजूद परिजन रोने लगे
कपिल सहित सभी हत्यारों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने सरकारी गवाह पेश किए थे। पुलिस ने हत्या का जो घटनाक्रम बताया, वही गवाहों ने भी कोर्ट में दोहराया। मरने से पहले वर्मा के बयान आरोपियों की सजा का प्रमुख आधार बने। जैसे ही हत्या और हत्या का षड्यंत्र रचने की धाराओं में आरोपियों को सजा सुनाई गई तो कोर्ट परिसर में मौजूद आरोपियों के परिजन रोने लगे।
मृत्यु पूर्व बयान बना आधार
गोली लगने के बाद मनोहर वर्मा को दो आरक्षक एमवाय अस्पताल ले गए थे। वहां पर तत्कालीन नायब तहसीलदार लाखन सिंह ने उसके बयान दर्ज किए थे। वर्मा ने बयान में कहा था कि कपिल सोनकर के साथियों ने मुझे गोली मारी है। मैं उन सभी को जानता हूं। पुलिस ने इस मामले में 38 गवाह पेश किए थे। इनमें से अधिकांश गवाह पलट गए थे। वर्मा के बयान और सरकारी गवाहों की वजह से कोर्ट को सजा देने का आधार मिला और सभी को सजा सुनाई गई।