Liquor Caucus: कुक्षी की घटना शराब लॉबी और आबकारी अधिकारियों के गठजोड़ का नतीजा!

पकड़े गए ट्रक में मिली शराब के ब्रांड सारी पोल खोलेंगे

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धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : गुजरात के लिए होने वाली शराब तस्करी के लिए धार जिले को सुरक्षित कॉरिडोर माना जाता है। यही कारण है कि यहां शराब तस्करों ने आबकारी अधिकारियों को साध रखा है। इससे सरकार के राजस्व की तो हानि हो ही रह यही, आबकारी अधिकारियों का काकस भी मजबूत हो रहा है। कुक्षी इलाके में शराब तस्करों का ट्रक पकड़ा जाना। SDM के साथ मारपीट, नायब तहसीलदार का अपहरण इसी गठजोड़ का नतीजा है। समझा जा रहा है कि कुक्षी के घटनाक्रम की कोई न कोई कड़ी आबकारी अधिकारियों के काकस और शराब तस्करों से जरूर जुडी होगी। सबसे ख़ास बात ये कि शराब तस्करों के पकड़े गए ट्रक में जो शराब मिली है, उसके ब्रांड अब सारी पोल खोलेंगे!

जिले के लेबड़ स्थित ग्रेट गैलियन डिस्टलरी सहित जिले की अन्य शराब निर्माण इकाइयों से अवैध शराब जिला आबकारी और शराब सिंडिकेट के सहयोग से गुजरात पहुंचाने की लगातार शिकायत की जाती रही हैं। आबकारी अधिकारियों और शराब तस्करों में गठजोड़ इतना तगड़ा है, कि कुक्षी के SDM नवजीवन पंवार के साथ तस्करों ने मारपीट की और साथी नायब तहसीलदार का अपहरण करने की हिम्मत दिखाई। अवैध शराब के निर्माण और सिंडीकेट को इसकी आसान सप्लाई के लिए धार के असिस्टेंट कमिश्नर ने अपने चहेते अधिकारियों की यहां नियम विरुद्ध नियुक्त कर रखा था।

आबकारी कमिश्नर के स्थाई परिपत्र क्रमांक 2069/05-07-2010 में ADEO, इंस्पेक्टर तथा कर्मचारियों के कार्यों का स्पष्ट बंटवारा किया गया है। इसके अनुसार बॉटलिंग इकाई का इंचार्ज इंस्पेक्टर होता है। ADEO सुपरवाइज अधिकारी होता है। किंतु, लेबल की इस फैक्ट्री में इंस्पेक्टर की जगह ADEO को प्रभारी बनाया गया। इसके लिए तत्कालीन कलेक्टर को परिपत्र की जानकारी दिए बिना झांसे में रखकर नोटशीट पर उनके साइन लेकर आदेश जारी कराए गए। पदानुक्रम में आबकारी विभाग के ADEO का पद पुलिस के DSP के समकक्ष है। इसे ऐसे समझा जा सकता है, जैसे किसी थाना प्रभारी को SDOP और थाने के TI को वहां के SDOP का प्रभार दे दिया गया हो!

लेबड़ फैक्ट्री में नियम विरुद्ध पदस्थ ADEO आरएस पांडे फील्ड पोस्टिंग नहीं लेते हैं और पिछले 20 सालों से इंदौर संभाग की अलग-अलग डिस्टिलरियों और अंग्रेजी शराब गोदाम में पदस्थ रहे। इस दौरान ये इंदौर संभाग के आबकारी डिप्टी कमिश्नर (DC) के अधीन डिस्टलरी एक्सपर्ट के रूप में मालवा में शराब की अवैध तस्करी में संलिप्त सिंडिकेट के चहेते बने रहे। यही स्थिति ADEO विनीता सागर की है, जो 12 साल से मालवा की विभिन्न डिस्टलरियों जैसे प्रभारी शराब गोदाम महू, बीयर फैक्ट्री इंदौर, असोसिएटेड डिस्टलरी खरगोन, ओएसिस डिस्टलरी धार और अब ग्रेट गैलियन डिस्टलरी धार में गोवा ब्रांड की व्हिस्की शराब (इसकी गुजरात में भारी डिमांड है) की प्रभारी है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी के आदेश पर महू SDM (IAS) ने लेबड़ फैक्ट्री में छापा मारा था, वहां मिली अवैध गतिविधियों के चलते फैक्ट्री के तत्कालीन आबकारी प्रभारी आरके गुप्ता को सस्पेंड कर उनके ऊपर DE शुरू की गई थी। उस दौरान फैक्ट्री में पकड़ी गई विदेशी और देशी शराब निर्माण इकाई के प्रभारी यही दो अधिकारी थे। जबकि, अपने रसूख तथा सिंडीकेट और धार के तत्कालीन AC यशवंत धनौरा से इनकी निकटता के चलते ये अधिकारी बचा लिए गए।

अब कुक्षी में अवैध शराब की गाड़ी पकड़ने गए SDM नवजीवन पंवार के साथ हुई घटना की जांच के लिए एक मजिस्ट्रियल जांच दल बनाया गया है। लेकिन, क्या यह जांच दल लेबड़ फैक्ट्री में पदस्थ दोनों ADEO पांडे और नागर की भी जांच करेगा! क्योंकि, इनकी नियुक्ति तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी यशवंत धनौरा ने नियम विरुद्ध करवाई थी।
इस इकाई में इनकी पिछले तीन साल की नियुक्ति के दौरान जिले से बाहर पकड़े गए ट्रक में मप्र आबकारी धारा 34 (2) के अपराध में इन प्रकरणों में गोवा ब्रांड की व्हिस्की और देशी शराब पाई गई थी! धार के तत्कालीन AC यशवंत धनौरा और इनके चहेते इन दोनों ADEO की संलिप्तता की भी जांच की जाना चाहिए, ताकि आबकारी विभाग और शराब तस्करों का गठजोड़ सामने आ सके।