MRP से महंगी बेच रहे शराब, सतना में मारपीट, रीवा में पांच दुकानों पर पेनाल्टी

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MRP से महंगी बेच रहे शराब, सतना में मारपीट, रीवा में पांच दुकानों पर पेनाल्टी

भोपाल:प्रदेश में शराब ठेकेदारों द्वारा शराब की बिक्री के लिए तय अधिकतम कीमत से ज्यादा दाम पर शराब बेची जा रही है। शराब प्रेमियों से की जा रही इस अवैध वसूली की शिकायतें भी कलेक्टरों तक पहुंची हैं। अधिक कीमत के बिल भी नहीं दिए जा रहे हैं।

रीवा कलेक्टर ने ऐसे मामलों में पांच दुकानों पर एक दिन के लिए लाइसेंस निलंबित कर सभी दुकानों पर दस-दस हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई है, उधर सतना में पचास रुपए अधिक मांगने पर ग्राहक ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। इसके विरोध में आबकारी अफसरों से शिकायत हुई पर कार्यवाही नहीं हुई।

इधर भोपाल में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं जिस पर तात्कालिक कार्यवाही के बाद अब अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।

रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने एमआरपी (मैक्सिमम रिटेल प्राइज) से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने की शिकायतों के बाद पिछले माह जिले की शराब दुकानों से रेट परचेजिंग की टेस्टिंग कराई थी। इस टेस्टिंग में खुलासा हुआ कि ठेकेदार तय कीमत से अधिक दाम पर शराब बेच रहे हैं। इसके बाद कलेक्टर ने मंगलवार को जारी आदेश में पांच अलग-अलग स्थानों पर मौजूद शराब दुकानों का लाइसेंस दस अगस्त (एक दिवस)की तिथि के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही कम्पोजिट मदिरा दुकान खैरा, सिरमौर, गंगेव, रामनई और रीवा शहर की करहिया मंडी की शराब दुकान के ठेकेदार पर दस-दस हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। सूत्रों का कहना है कि तीन दिन पहले इसी तरह ओवर रेट पर शराब बेचने के मामले में सतना शहर की एक शराब दुकान में ग्राहक और शराब दुकान कर्मचारी के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद कर्मचारियों ने ग्राहक के साथ मारपीट की थी। इसकी शिकायत के बाद भी सतना के आबकारी अफसरों ने कोई कार्यवाही नहीं की है। यही स्थिति अन्य दुकानों में भी बताई जा रही है।

*भोपाल में हो चुकी कम्प्लेन, नम्बर जारी किए थे अफसरों ने*

शराब की बिक्री तय कीमत से अधिक पर करने और बिल नहीं देने का मामला भोपाल में भी सामने आ चुका है। राजधानी की कई शराब दुकानों के विरुद्ध इस तरह की कम्प्लेन आबकारी अफसरों तक पहुंची थी, जिसके बाद अपर आयुक्त आबकारी ने एक नम्बर जारी कर कहा है कि ज्यादा कीमत लेने वालों के विरुद्ध उस नम्बर कम्प्लेन करें। इसी तरह की स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी है और आबकारी अफसरों की मिलीभगत से शराब ठेकेदारों का कारोबार चल रहा है।