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Literature Festival : साहित्य महोत्सव में सीतामऊ इतिहास का प्रदर्शन, यशोधर्मन और हूण संघर्ष का चित्रण, पर्यावरण और सभ्यता पर व्याख्यान हुए
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विद्वानों ने की सहभागिता
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर/ सीतामऊ साहित्य महोत्सव में द्वितीय दिवस शुक्रवार को भानपुरा के विद्वान डॉ पी के भट्ट द्वारा मंदसौर और सीतामऊ के इतिहास का प्रदर्शन किया। उसके बाद यशोधर्मन और हूण संघर्ष की गाथा का चित्रण किया। श्री रविन्द्र कुमार शर्मा भारतीय संस्कृति में शास्त्र एवं उसका महत्व के विषय पर व्याख्यान दिया। पर्यावरणविद् पद्म श्री भालू मोंढे ऐतिहासिक झीलों का पुनरुद्धार पर व्याख्यान दिया।
पूर्व पीसीसीएफ डॉ सुहास कुमार (आईएफओएस) और पर्यावरणविद साजिद लोधी समसामयिक पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर संवादात्मक सत्र पर व्याख्यान दिया।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, स्कॉटलैंड लेखिका डॉ.यशस्विनी चंद्रा द्वारा युद्ध में घोड़े विषय पर वर्च्यूअल सेशन से व्याख्यान दिया। लेखक एवं वक्ता डॉ. ममता खेड़े द्वारा सभ्यता पर एक संवाद विषय पर व्याख्यान दिया। लेखक एवं वक्ता डॉ. शादाब अहमद सिद्दीकी द्वारा सभ्यता पर एक संवाद विषय पर व्याख्यान दिया।
कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग, सार्थक संस्था अध्यक्ष डॉ उर्मिला तोमर, इन्कमटैक्स जॉइन कमिश्नर श्री सागर श्रीवास्तव, श्री राजेन्द्र तिवारी, जनपरिषद सचिव श्री नरेंद्र कुमार त्रिवेदी, एसडीएम शिवानी गर्ग सहित गणमान्य जन उपस्थित रहे।
व्याख्यान सत्र के बीच स्कूली छात्र छात्राओं ने समुह नृत्यों की प्रस्तुतियां दी।