Little Girl-Big Intention : नन्हीं बच्ची, नन्हीं साइकिल, इरादा बड़ा!
*उज्जैन से सुधीर नागर की रिपोर्ट*
Ujjain : दृढ़ संकल्प हो तो नन्हें कदम भी बड़े लक्ष्य को पार कर सकते हैं। इस इबारत को लिख रही है पटियाला (पंजाब) की नन्हीं रावी कौर जो पूरे देश को बेटियों को बचाने का संदेश अनूठे तरीके से दे रही हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकली रावी गुरुवार को उज्जैन पहुंची। आठ साल की रावी अपनी नन्हीं साइकिल से कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा के तहत गुरुवार को महाकाल नगरी पहुंची।
वे इस यात्रा के माध्यम से लोगों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘ग्रीन इंडिया’ का संदेश भी दे रही हैं। 10 नवंबर को वह पटियाला से निकली और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश आ गई हैं। शुक्रवार को वे इंदौर पहुंचेगी। उसके साथ पिता सिमरनजीत और चाचा बलविंदर भी साथ चल रहे हैं। बलविंदर भी साइकिल से उसका साथ दे रहे हैं।
एक्सीडेंट ने भी इरादे नहीं रोके
रावी के पिता पुलिस हेडकांस्टेबल हैं। यात्रा के दौरान पिता सिमरनजीत का मध्यप्रदेश के बदरवास में एक्सीडेंट हो गया था। वे भी साइकिल पर थे। एक्सीडेंट के कारण कुछ दिन रावी की साइकिल यात्रा रुकी, लेकिन इरादे को नहीं रोक सकी। पिता के ठीक होते ही, तीनों वापस अपने इरादे को पूरा करने निकल पड़े। हालांकि उसके पिता अब बाइक पर चल रहे हैं।
महापौर भी चकित हुए
रावी गुरुवार को जब उज्जैन आईं तो महापौर मुकेश टटवाल भी उसके बड़े इरादे को देख दंग रह गए। महापौर ने उसका सम्मान किया और कहा इस बिटिया के अंदर वंदनीय अभिनंदनीय भारत माता के दर्शन हुए। मैं ऐसी बिटिया के संस्कारों और उसकी देश के प्रति, भारत की बेटियों के प्रति श्रद्धा को प्रणाम करता हूं।