Liver Donation Case : नाबालिग बेटी को पिता को लीवर डोनेट करने की HC से इजाजत!
Indore : एक नाबालिग बेटी अपने बीमार पिता को लीवर डोनेट करना चाहती है। लेकिन, सरकारी अड़ंगेबाजी की वजह से मामला लगातार टल रहा था। जब मामला हाई कोर्ट में गया तो कोर्ट ने उसे अनुमति दे दी। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज और प्रदेश सरकार द्वारा अनुमति मिलने के बाद बेटी को पूरी आशा थी कि उसे कोर्ट से भी लिवर डोनेट करने की अनुमति मिलेगी।
पिता की जान बचाने के लिए लिवर दान करने की नाबालिग बेटी की कोशिश रंग लाई। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नाबालिग बेटी को अपने पिता को लीवर डोनेट करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पूरी सावधानी के साथ जल्द से जल्द यह सर्जरी की जाए। इसके पहले एमजीएम मेडिकल कॉलेज बोर्ड के बाद अब राज्य शासन ने भी नाबालिग को लिवर देने की अनुमति दी। आज मामले की सुनवाई में राज्य शासन की रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद हाई कोर्ट ने नाबालिग के लिवर देने की याचिका के पक्ष में निर्णय दिया।
दरअसल बेटमा निवासी 42 वर्षीय शिवनारायण बाथम को डॉक्टरों ने लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। वे पिछले 6 साल से लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं। शिवनारायण की बेटी प्रीति अपने पिता को अपना लिवर देने को तैयार है, लेकिन उसकी आयु 17 वर्ष 10 माह होने से कोर्ट की अनुमति जरूरी थी। इस वजह से उसे इजाजत नहीं दी थी।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का दावा है कि नाबालिग द्वारा लिवर देने का यह मध्य प्रदेश का पहला मामला है। वहीं देश का संभवत: यह दूसरा मामला है। राज्य शासन ने मंगलवार को अनुमति की रिपोर्ट एमजीएम मेडिकल कॉलेज भी भेज दी थी। राज्य शासन द्वारा रिपोर्ट भेजने के बाद अब बेटी को पूरी उम्मीद थी कि अगली सुनवाई में उसे लिवर ट्रांसप्लांट संबंधी अनुमति मिल जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में चल रही याचिका में सोमवार को स्वास्थ्य आयुक्त को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन उन्होंने नहीं की थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि दो दिन में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।