Loan Fraud : ग्रेटर कैलाश अस्पताल की संचालक दंपत्ति से लोन के नाम पर ठगी!
Indore : शहर के बड़े अस्पताल की संचालक संपत्ति को एक साइबर ठग ने 3.82 करोड़ की चपत लगा गया। इस ठग ने अपने आपको अमेरिकी बैंक का अधिकारी बताया और 154 करोड़ के लोन की प्रोसेसिंग फीस के बदले 3 करोड़ 82 लाख रूपए अलग-अलग खातों में जमा करवाए और संपर्क ख़त्म कर दिया। मामले की पुलिस कमिश्नर से शिकायत के बाद यह जांच डीसीपी आदित्य मिश्रा को जांच सौंपी है।
जानकारी के मुताबिक, पलासिया इलाके के ग्रेटर कैलाश अस्पताल के संचालक डॉ अनिल बंडी और उनकी पत्नी राधिका बंडी के साथ यह ठगी हुई।बैंको की तलाश की। लम्बे समय तक सफलता नहीं मिली। फिर उन्हें ऑनलाइन ऐसा व्यक्ति मिला जिसने अपने आपको जेपी मॉर्गन बैंक का अधिकारी बताया और मामला समझा।
जब उससे फोन पर लोन की बात की, तो उसने सभी बात पर सहमति देते हुए 154 करोड रुपए के लोन के लिए 6% ब्याज की दर के लिए स्वीकृति दी। अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन के फर्जी अधिकारी ने कहा कि इस बैंक लोन के बदले प्रोसेसिंग फीस और स्टैंप ड्यूटी व अन्य चार्ज के लिए 3 करोड़ 82 लाख लगेंगे। जो उसने अलग-अलग बैंक खाते में जमा कराए और उसके बाद फोन उठाना ही बंद कर दिया।
डॉक्टर दंपति ने इस मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। उन्होंने पुलिस को साइबर ठग का मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी दिया, जिसकी आईपी एड्रेस के आधार पर जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल, डॉक्टर दंपत्ति अपने अस्पताल के रिनोवेशन और मेंटेनेंस के लिए इस लोन की जरुरत थी। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन खोजबीन की और यहीं उनसे चूक हो गई।
डॉ बंडी ने पुलिस को बताया कि अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन के नंबर जब निकाले गए तो इंटरनेट पर एक व्यक्ति का नाम अनिल शर्मा आया जो अपने आपको बैंक का क्रेडिट एवं रिस्क विभाग का मैनेजर बता रहा था। उसने ईमेल के माध्यम से सभी दस्तावेज लिए और कुछ दिनों बाद दस्तावेज बैंक के वाइस प्रेसिडेंट रजत तिवारी के पास पहुंचे। इस पूरे गिरोह ने डॉक्टर दंपत्ति से अपने आईसीआईसीआई बैंक के अलग-अलग खातों में 3.82 करोड रुपए जमा करवाए और लापता हो गए।