Loitering Munitions in Operation Sindoor : पहली बार हमले में ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ जैसे हथियारों का उपयोग! 

जानिए, क्या होता है 'लॉइटरिंग म्यूनिशन' और इसकी खासियत क्या?

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Loitering Munitions in Operation Sindoor : पहली बार हमले में ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ जैसे हथियारों का उपयोग! 

New Delhi : पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के टारगेट हमले किए, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पहली बार ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ जैसे अत्याधुनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। लॉइटरिंग म्यूनिशन एक प्रकार का प्रिसिजन हथियार होता है, जो लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडराता है और अपने टारगेट की पहचान करने के बाद हमला करता है।

लॉइटरिंग म्यूनिशन को आमतौर पर ‘कामिकेज ड्रोन’ या ‘सुसाइड ड्रोन’ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का सटीक-टारगेट हथियार है। यह ड्रोन न केवल लक्ष्य की तलाश करने में सक्षम होता है, बल्कि यह टारगेट क्षेत्र के ऊपर लंबे समय तक मंडराकर (लाइटर) सही समय पर हमला करता है। यह इंसानी कंट्रोल या ऑटोमैटिक मोड में काम कर सकता है और अपने साथ विस्फोटक ले जाता है, जो लक्ष्य पर टकराने के बाद नष्ट हो जाता है।

इसकी खासियत यह है कि यह पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में अधिक लचीलापन प्रदान करता है, क्योंकि यह हमले से पहले लक्ष्य की पुष्टि कर सकता है और अनावश्यक नुकसान को कम करता है।

लॉइटरिंग म्यूनिशन की खासियत 

– लंबी उड़ान अवधि : यह लक्ष्य क्षेत्र में मंडराकर सही समय पर हमला करता है।

– सटीकता : यह छोटे और गतिशील लक्ष्यों को भी सटीकता से निशाना बना सकता है।

– ऑटोमैटिक और मानव-नियंत्रित मोड : ऑपरेटर इसे दूर से नियंत्रित कर सकता है या इसे स्वायत्त रूप से काम करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।

– कम लागत : पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में यह लागत-प्रभावी है।

लॉइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीद स्थित मुख्यालय शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में लॉइटरिंग म्यूनिशन के साथ स्टैंड ऑफ क्रूज मिसाइलें और अन्य सटीक हथियार प्रणालियों का उपयोग किया गया। ये हमले पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र से किए गए, जिससे भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी कर कहा, न्याय हो गया। जय हिंद! रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत ने लक्ष्यों के चयन और हमले के तरीके में काफी संयम बरता, ताकि क्षेत्रीय तनाव को बढ़ने से रोका जा सके। सूत्रों के अनुसार, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हमलों के लिए सटीक निर्देश प्रदान किए थे। ऑपरेशन में शामिल सभी पायलट सुरक्षित हैं, और यह हमला पहलगाम हमले का पहला चरण माना जा रहा है, जिसके बाद और कार्रवाइयां संभव हैं।