Lok Adalat : मनावर में इस साल की आखरी नेशनल लोक अदालत शनिवार को होगी!

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Lok Adalat : मनावर में इस साल की आखरी नेशनल लोक अदालत शनिवार को होगी!

मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट

Manawar (Dhar) : इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत शनिवार को न्यायालय प्रांगण में आयोजित की जा रही है। इसमें बड़ी संख्या में विभिन्न अदालतों में चल रहे सिविल और आपराधिक प्रकरणों एवं अन्य विवादों के सुलह-समझौते के आधार पर निराकरण किए जा सकते हैं।

तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष एवं जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी भूपेन्द्र नकवाल ने बताया कि प्रधान जिला न्यायाधीश धार के मार्गदर्शन में आयोजित इस नेशनल लोक अदालत के लिए वृहद स्तर पर तैयारियां की गई हैं। अदालतों में लंबित ऐसे समस्त मामलों के सुलह-समझौते से निराकरण के लिए पक्षकारों को प्रेरित करते हुए सूचना पत्र जारी किए गए हैं।

प्रधान जिला न्यायाधीश राजीव कुमार अग्रवाल द्वारा मनावर तहसील के विभिन्न न्यायालयों के लिए कुल 5 खण्डपीठों का गठन किया है। इनमें एडीजे नकवाल के न्यायालय के अलावा न्यायाधीश अमित भूरिया, न्यायाधीश नरेन्द्र कुनार भंडारी, कृष्णा वोहरा और रूही एजाज मेव को उनकी अदालत के प्रकरणों के निराकरण के लिए गठित खंडपीठ का पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।

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उनके साथ खंडपीठ में बैठने वालो में अधिवक्ता क्रमशः राहुल जौहरी, पुष्पा पाटीदार, पूजा राठोर, सन्नी पाटीदार एवं पुष्पा कन्नौज को सदस्य बनाया गया। ये पांचों खंडपीठ सुबह साढ़े 10 बजे लोक अदालत के औपचारिक शुभारंभ के बाद शाम 5 बजे तक बैठक कर कार्य में सहयोग करेंगे।

बैंक, सहकारी साख संस्थाओं, फायनेंस कंपनियों, नगर पालिका परिषद. विद्युत वितरण कंपनी आदि के ऐसे विवादों के भी निराकरण इस नेशनल लोक अदालत में किए जा सकेंगे, जो फिलहाल अदालतों तक नहीं पहुंचे हैं। प्री-लिटीगेशन के ऐसे सेकडों मामलों में नोटिस जारी किए गए हैं। खास बात यह है कि ऐसे मामलों में ये संस्थाएं ब्याज एवं खर्चों में उचित छूटें भी प्रदान कर रही हैं। विद्युत वितरण कंपनी इस बार भी 50 हजार रू. तक के प्रकरणों के लिए ऐसे बकाया राशि के मामलों में ब्याज राशि पर 100 प्रतिशत तक की छूट देगी।

अभिभाषक संघ के अध्यक्ष युसुफ खान एवं विधिक सेवा समिति मनावर की ओर से अपील की गई है कि अधिक से अधिक पक्षकार इस अवसर का लाभ लें और विवादों का वैकल्पिक तथा सम्मानजनक समाधान प्राप्त करें। जिन मामलों में नोटिस प्राप्त नहीं हुए हैं और मामला राजीनामा योग्य है, उसमें भी पक्षकार बगैर नोटिस मिले भी अदालत पहुंचकर अपने ऐसे मामलों में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।