Lokayukt Trap: नवीन प्रशासनिक संकुल में लोकायुक्त की पहली कार्रवाई, तहसीलदार का रिश्वतखोर बाबू धराया 

जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मांगी थी रिश्वत 

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Lokayukt Trap: नवीन प्रशासनिक संकुल में लोकायुक्त की पहली कार्रवाई, तहसीलदार का रिश्वतखोर बाबू धराया 

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन । उज्जैन के नवीन कलेक्टोरेट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार के बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित बाबू वीरेंद्र नकवाल फरियादी से पहले भी ढाई हजार रुपये की रिश्वत ले चुका था, बावजूद इसके एक हजार रुपये की और मांग कर रहा था ।

लोकायुत्त टीआई बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मदन सोनी निवासी गांधी नगर इंदौर पूर्व में उज्जैन निवासरत था। मदन सोनी ने कुछ समय पहले इंदौर में लोक सेवा गांरटी योजना के तहत जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया था। सोनी का रिकार्ड उज्जैन में होने के कारण आवदेन उज्जैन भेज दिया गया था। आवेदन में कागजात पूरे नहीं होने का बहाना बनाकर तहसीलदार राधेश्याम पाटीदार के रीडर वीरेंद्र नकवाल ने फाइल बंद कर दी थी। जिस पर मदन सोनी ने उज्जैन आकर बाबू वीरेंद्र नकवाल से 16 नवंबर को मुलाकात की तो उसने प्रमाण पत्र बनाने का काम करवाने के नाम पर ढाई हजार रुपये ले लिए थे। इसके बाद भी जब प्रमाण पत्र नहीं बना तो सोनी ने बाबू नकवाल से संपर्क किया इस पर नकवाल ने एक हजार रुपये की और मांग की । पहले भी रिश्वत लेने एवं पुनः पैसों की मांग करने पर मदन सोनी ने लोकायुक्त उज्जैन में शिकायत की।

लोकायुक्त एसपी ने शिकायत की तस्दीक करवाई और कार्रवाई के लिए डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों की टीम बनाकर बाबू को धर दबोचा। जैसे ही मदन सोनी ने वीरेंद्र नकवाल को एक हजार रुपये दिए, लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया एवं रुपए जप्त किए हैं।