Lokayukt Trap: बड़वानी में RTO और एजेंट 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार,30 हजार की थी डिमांड 

लाइसेंस रिन्युअल समेत 22 कामों के लिए मांगी थी रिश्वत

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Lokayukt Trap: बड़वानी में RTO और एजेंट 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार,30 हजार की थी डिमांड 

राजेश जयंत की खास रिपोर्ट 

बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में लोकायुक्त की टीम ने आज जिला परिवहन अधिकारी (RTO) रीना किराड़े और एजेंट विवेक मलतारे को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता चेतन शर्मा ने अपने लाइसेंस रिन्युअल सहित 22 अन्य कामों के लिए जब आरटीओ से संपर्क किया, तो उन्हें एजेंट के पास भेजा गया। एजेंट ने आरटीओ का हवाला देते हुए कुल 30,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना इंदौर लोकायुक्त को दी, जिसके बाद टीम ने अंजड़ नगर स्थित गायत्री मंदिर के पास पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये लेते हुए एजेंट को पकड़ लिया।

इस कार्रवाई के बाद आरटीओ रीना किराड़े और एजेंट विवेक मलतारे दोनों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई में इंदौर लोकायुक्त पुलिस टीम की अगुवाई टीआई (इंस्पेक्टर) प्रतिभा तोमर ने की थी। टीम ने अंजड़ नगर स्थित गायत्री मंदिर के पास एजेंट विवेक मलतारे को 10,000 रुपये की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।

*यह है पूरा मामला*

मामले के शिकायतकर्ता चेतन शर्मा के अनुसार उन्होंने जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी में लाइसेंस रिन्यू और नवीन लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। पश्चात जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे से संपर्क किया तो उन्होंने उन्हें विवेक मलतारे नामक एक प्राइवेट एजेंट से मिलने को कहा। आरटीओ के कहने पर चेतन शर्मा एजेंट से मिले, तो विवेक मलतारे ने लाइसेंस कार्य के एवज में 10,000 रिश्वत की मांग की। इस पर आवेदक ने इसकी लिखित शिकायत राजेश सहाय, पुलिस अधीक्षक, विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर को दी।

शिकायत के सत्यापन के बाद दिनांक 04.06.2025 को लोकायुक्त ट्रैप दल का गठन किया गया। ट्रैप योजना के तहत विवेक मलतारे को आवेदक चेतन से 10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। फरियादी को विवेक से मिलने के लिए जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे ने ही कहा था। जिससे यह भी संदेह उठा कि अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया गया। अब आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 61(2) बीएनएस के अंतर्गत विधिसंगत कार्यवाही की जा रही है।

*इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका*

इस कार्रवाई में ट्रैप दल का नेतृत्व कार्यवाहक निरीक्षक प्रतिभा तोमर ने किया। उनके साथ आरक्षक विजय कुमार, कमलेश परिहार, चेतन सिंह परिहार, सतीश यादव, आदित्य सिंह भदोरिया, कृष्ण अहिरवार और चालक शेरसिंह ठाकुर की टीम मौजूद रही। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और भ्रष्टाचारियों को पकड़कर यह संदेश दिया कि प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लोकायुक्त पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है।