

लोकायुक्त-EOW का होगा 3 विभागों के अफसर-कर्मचारियों पर फोकस, पुरानी शिकायतों की होगी फिर से जांच
भोपाल:भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के चलते लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू का करप्शन को लेकर आरोपों से घिरे रहने वाले तीन विभागों पर ज्यादा फोकस हो गया है। इन तीनों विभागों से जुड़ी पुरानी शिकायतों को फिर से खंगाला जा रहा है। वहीं इन विभागों में पदस्थ रहे अफसरों की सम्पत्ति भी अपनी खुफिया तरीके से जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। इन तीनों विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश की दोनों एजेंसी इस पर काम कर रही है। हालांकि इन विभागों के अलावा भी कुछ अन्य विभाग हैं, जिस पर इनकी नजर बनी हुई है।
सूत्रों की मानी जाए तो परिवहन के साथ ही आबकारी और खनिज विभाग पर इन दोनों एजेंसियों की खास नजर है। इन तीनों विभागों पर अवैध वसूली जैसे लगातार आरोप लगते रहते हैं।
इन विभागों में पदस्थ और पूर्व में पदस्थ रहे अफसरों की विभाग में रही भूमिका को तलाशा जा रहा है। यदि इसमें यह संदेश सामने आया कि इनके पास आय से अधिक सम्पत्ति है तो उनकी गुपचुप रूप से पता करवाया जाएगा। इसके बाद उन पर नकेल कसी जा सकती है।
*इन क्षेत्रों में पदस्थ रहे अफसरों पर विशेष ध्यान*
खनिज में सीधी, सिंगरोली, नर्मदापुरम, शहडोल, देवास, धार सहित लगभग एक दर्जन जिलों में पदस्थ रहे अफसरों और कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन जिलों में यदि किसी अफसर ने लंबे अरसे तक नौकरी की है तो उसे भी संज्ञान में लिया जाएगा। वहीं गुजरात से सटे हुए राज्यों में पदस्थ रहे आबकारी अफसरों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसमें मालवा के कुछ जिले शामिल हैं। यहां पर भी यह देखा जाएगा कि किस कर्मचारी या अफसर ने लंबे अरसे तक यहां पर नौकरी की है। परिवहन में भी आरक्षक से लेकर पूर्व कमिश्नर तक पर अब नजर रहेगी। परिवहन चौकियों पर पदस्थ रहे आरक्षक से लेकर प्रभारी तक की सम्पत्ति पता की जा सकती है।
परिवहन विभाग में हाल ही में सौरभ शर्मा की सम्पत्ति का खुलासा लोकायुक्त पुलिस ने किया है। इसके बाद परिवहन चौकियों पर कौन कितने लंबे अरसे तक पदस्थ रहा, इसके आधार पर जानकारी जुटाई जा सकती है।