Lokayukta Inquiry into Breaking of Idols : महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियां टूटने की लोकायुक्त जांच!

लोकायुक्त ने मूर्तियां टूटने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर 5 बिंदुओं पर जांच शुरू की!

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Lokayukta Inquiry into Breaking of Idols : महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियां टूटने की लोकायुक्त जांच!

Bhopal : महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के परिसर में बने महाकाल लोक में तीन दिन पहले तेज आंधी और बारिश से गिरकर टूटी सप्तऋषि की 6 मूर्तियों के मामले में लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी। यह 5 साल में पहला मामला है, जब लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लेकर किसी मामले में ऐसे जांच शुरू की है। लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता के मुताबिक, जांच दर्ज कर तकनीकी शाखा को भेजी गई है।

लोकायुक्त लोकायुक्त में महाकाल लोक के निर्माण के कुछ घटकों की जांच पहले से चल रही है। परंतु उसमें मूर्तियों की जांच शामिल नहीं है। ऐसे में इस मामले की अलग से जांच शुरू किए जाने की जरूरत है। मूर्तियों के इस मामले की जांच का नंबर 0036/E/ 2023-24 है। जांच दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए तकनीकी शाखा को नोटशीट भेज दी गई है। जांच के बिंदु भी तय किए गए हैं।

लोकायुक्त अपनी जांच इन पांच बिंदुओं के आधार पर करेगा!

– क्या महाकाल लोग के निर्माताओं ने पत्थर की मूर्ति स्थापित करने के लिए धन सुरक्षित रखा है?
– मूर्तियां एफआरपी की होगी, यह निर्णय किस स्तर पर लिया गया?
– क्या संबंधित सप्लायर ने मूर्तियां प्रस्तावित मानक के अनुसार ही बनाई है?
– जहां मूर्तियां स्थापित की गई उसका आधार कमजोर क्यों था?
– मूर्तियों की स्थापना में किसी लोक सेवक का भ्रष्टाचार परिलक्षित हो रहा है?

Lokayukta Inquiry into Breaking of Idols : महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियां टूटने की लोकायुक्त जांच!

लोकायुक्त की इस जांच को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में भ्रष्टाचार की बात को सिरे से खारिज कर दिया। भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि महाकाल लोक में आंधी और बवंडर के कारण ये मूर्तियां टूटी हैं, इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।

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महाकाल लोक में फाइबर रीइन्फोर्स प्लास्टिक (FRP) की मूर्तियां और भी लगी हैं। सिर्फ यही 6 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुई। जबकि, डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) में पत्थर और फाइबर रीइन्फोर्स प्लास्टिक (FRP) दोनों तरह की मूर्तियों का प्रावधान था।

कांग्रेस MLA की शिकायत पर पहले से जांच

लोकायुक्त पहले ही महाकाल लोक से जुड़ी कुछ शिकायतों की जांच कर रहा है। जिसमें कॉन्ट्रेक्टर को 1 करोड़ का फायदा पहुंचाने का मामला है। उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त को शिकायत भेजी थी। इसमें कहा गया था कि एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदार एमपी बावरिया को नियम विरुद्ध लोहे की जीआई शीट को अत्यंत महंगी पॉली कार्बोनेट शीट से बदलकर एक करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। परमार ने गुप्ता से ये राशि वसूल किए जाने का आग्रह किया।

Lokayukta Inquiry into Breaking of Idols : महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियां टूटने की लोकायुक्त जांच!

शिकायत में लिखा था कि उज्जैन स्मार्ट सिटी ने 6 फरवरी 2021 को पार्किंग शेड विद सोलर पीवी सिस्टम का टेंडर निकाला था। टेंडर 3.62 करोड़ का था। एमपी बावरिया ने 17.67 फीसदी कम कीमत पर ये टेंडर हासिल किया। परमार ने शिकायत में बताया था कि टेंडर के कुल 1.20 करोड़ के आइटम बदले गए हैं। लोकायुक्त ने तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह सहित 13 अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे थे। परमार का आरोप है कि सरकार के इशारे पर इस केस की जांच सुस्त कर दी गई।