Lokayukta Trap : रीवा कलेक्टर ऑफिस का क्लर्क ₹1000 की रिश्वत के लिए लोकायुक्त के जाल में फंसा!

25 सितंबर 2024 से पेंडिंग मुआवजे की राशि के एवज में रिश्वत मांगी!

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Lokayukta Trap : रीवा कलेक्टर ऑफिस का क्लर्क ₹1000 की रिश्वत के लिए लोकायुक्त के जाल में फंसा!

Rewa : जिला लोकायुक्त ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के क्लर्क हीरामणि तिवारी को 1000 रु की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। तिवारी ने मुआवजा अवार्ड राशि 2,62,997 रुपए देने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी। इस मामले में लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने कार्रवाई की। आऱोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लोकायुक्त ने कलेक्टर कार्यालय की भू अर्जन अधिकारी शाखा में पदस्थ लिपिक सहायक ग्रेड 3 हीरामणि तिवारी को 1000 रु की रिश्वत लेते पकड़ा।

लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार, सुनील पांडेय पिता श्याम सुंदर पांडेय निवासी जौरौट थाना तहसील मंनगवा (जिला रीवा) ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में लिखा था कि मुआवजा अवार्ड राशि 2,62,997 रुपए भुगतान करने के एवज में 1000 की रिश्वत की मांग की गई।

शिकायत लोकायुक्त संभाग रीवा पुलिस अधीक्षक से किए जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सत्यापन किया। इसके बाद प्रवीण सिंह परिहार लोकायुक्त उप पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम ने आरोपी पर दबिश दी। जैसे ही शिकायतकर्ता सुनील पांडेय से कलेक्टर कार्यालय में लिपिक के द्वारा 1000 रुपए की रिश्वत ली गई, उसी समय लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार के विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर उसे हिरासत में ले लिया गया।

कलेक्टर ऑफिस में रिश्वत मांगने की बात सामने आई तो इसका सत्यापन कराया गया। सत्यापन लोकायुक्त संभाग रीवा के पुलिस अधीक्षक ने कराया। वेरिफिकेशन में इस शिकायत को सच माना गया। यह मामला क्लर्क की मेज पर 25 सितंबर 2024 से पेंडिंग था।

एसपी ने शिकायत कार्यवाही की

शिकायत मिलने और वेरिफिकेशन में सच पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक टीम गठित की गई। इस पर आरोपी हीरामणि तिवारी को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप किया गया।