Loksabha Elections 2024: BJP उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कभी भी आ सकती है, कई सांसदों और दिग्गज नेताओं के कट सकते है टिकट!

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Loksabha Elections 2024: BJP उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कभी भी आ सकती है, कई सांसदों और दिग्गज नेताओं के कट सकते है टिकट!

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट 

नई दिल्ली। लोकसभा के आसन्न आम चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टीयां अपनी अपनी तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी ,कांग्रेस सहित अन्य दल अपने अपने उम्मीदवार के चयन को लेकर मंथन कर रहें है।

 

केन्द्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा )अपने उम्मीदवारों की पहली सूची कभी भी जारी कर सकती है। ऐसा कर भाजपा विरोधी दलों को मनोवैज्ञानिक दवाब में लाना चाहती है। भाजपा ने एन डी ए के सहयोगी दलों के साथ अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते है कि भाजपा अकेले 370 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीते। भाजपा अपने कई वर्तमान सांसदों और दिग्गज नेताओं के टिकट भी काट सकती है ।

 

18 वीं लोकसभा के चुनाव को लेकर प्रधानंमत्री नरेन्द्र मोदी बहुत गंभीर है। इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि वे गुरुवार देर रात तक केंद्रीय चुनाव समिति (सी ई सी) की बैठक में स्वयं उपस्थित रहें और शुक्रवार अल सवेरे पौने चार बजे तक विचार मंथन में शामिल हुए। इसके बाद अब कयास लगाए जा रहे है कि उम्मीदवारों की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। हालांकि अभी भी पहली सूची के कुछ नामों पर माथा पच्ची करनी शेष रह गई है। भरोसे मंद सूत्रों के अनुसार बीजेपी इस बार कई सीटिंग एमपी और कुछ दिग्गज नेताओं के टिकट भी काट सकती है। लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने में अब बहुत कम समय ही बाकी है इसलिए बीजेपी अब अपनी अंतिम तैयारियों में जुट गई है।

 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की अध्यक्षता में गुरुवार देर रात शुरू हुई सी ई सी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के संगठन मंत्री बीएल संतोष, सीईसी सदस्य केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अन्य सदस्यगण के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा सहित अन्य नेतागण मौजूद रहे। बैठक में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, एमपी के सीएम मोहन यादव, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित बीजेपी शासित राज्यों के उप मुख्यमंत्री और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बनाए गए विभिन्न राज्यों के प्रभारी, सह चुनाव प्रभारी, प्रदेश कोर कमेटी के महत्वपूर्ण नेता आदि मौजूद रहे।

 

भाजपा चुनाव समिति बैठक की पहली बैठक में कुल118 सीटों पर चर्चा हुई और इनमें से राजस्थान की भी 9 सीटों पर मंथन हुआ। शुक्रवार को 47 सीटों पर और मंथन होने की संभावना है । इन सीटों में राजस्थान की 11 सीटों पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान की आधा दर्जन से भी अधिक सीटों पर प्रत्याशी बदलने की खबर है और वहीं, कुछ केंद्रीय मंत्रियों को रिपीट किया जा सकता है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों के दौरे पर है।

 

 

पीएम मोदी ने नमो एप पर जनता से सांसदों का डायरेक्ट फीडबैक भी लिया है। नमो एप पर अपने-अपने क्षेत्र में 3 लोकप्रिय बीजेपी नेताओं के नाम पूछे गए हैं ।साथ ही सभी पार्टी सासंदों से भी 2 साल के काम के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। भाजपा ने प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में जिताऊ उम्मीदवार तय करने के लिए 4 से 5 सर्वे भी करवाए है और सर्वेक्षण करने वाली स्वतन्त्र एजेंसियों से हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी गई है।

 

बीजेपी अध्यक्ष के जे पी नड्डा ने स्वतंत्र एजेंसी के अलावा प्रोफेशनल एजेंसी से भी सर्वे करवाया है। साथ ही बीजेपी शासित राज्यों में हर संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है । इन मंत्रियों से लोकसभा सीटों का दौरा कर सांसदों के बारे में रिपोर्ट लेने के निर्देश दिए गए है। मंत्रियों और संगठन से मिली रिपोर्ट को प्रदेश स्तर पर चुनाव समिति की बैठक में रखा गया है।संगठन महासचिवों ने अपने मार्ग दर्शक संगठन आर एस एस का फीडबैक भी लिया है। इसके आधार पर प्रत्येक संसदीय सीट पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार किया गया है । केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले हर राज्य के कोर ग्रुप की बैठक भी आयोजित की गई है।

 

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठकों में हर सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई है। बताया जाता है कि सीईसी की बैठक से पहले प्रधानमंत्री निवास पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की लंबी बैठक हुई है। इन बैठकों में भी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई है। उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्य वार उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गौ है।

 

बीजेपी की रणनीति इस बार हर सीट के हिसाब से रणनीति तैयार करने की है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि हर लोकसभा सीट को जीतने के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार पर फोकस रखा जा रहा है। विपक्षी पार्टी के मजबूत प्रत्याक्षी को बीजेपी में लाने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है।इसके लिए बाकायदा हर राज्य में और केंद्रीय स्तर पर समितियां बनाई गई हैं 17 वीं लोकसभा में जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा हैं, उनका टिकट बिना किसी झिझक के काटने का फैसला भी लिया गया है।इसी प्रकार पार्टी के असंतुष्ट गुट के नेताओं के साथ भी यही सलूक किया जाएगा ऐसा बताया जा रहा है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी में किसी भी प्रकार के असंतोष को थामने के लिए विशेष व्यूह रचना बनाई जा रही है तथा ओबीसी, महिलाओं और युवाओं को ज्यादा संख्या में उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पिछले रिकार्ड पर नजर डाले तो पाएंगे कि 2019 के आम चुनावों में बीजेपी के 303 विजयी सांसदों में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर आए थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे।

जहां तक राजस्थान का सवाल है वर्तमान सांसदों में से विधान सभा चुनाव लड विधायक बने और विधायक का चुनाव हारे सांसदों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। इसके अलावा लोकसभा में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नही करने वाले सांसदों वयोवृद्ध सांसदों और राजनीतिक समीकरणों में फिट नहीं बैठने वाले सांसदों के टिकट भी कट सकते हैं। भाजपा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कुछ नेताओं तथा अपनी पार्टी के नए युवा और महिला चेहरों को भी अजमा सकती है। साथ ही कुछ दमदार विधायकों और विधान सभा चुनाव हारे वरिष्ठ नेताओं को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने का सोच रही है। देखना है भाजपा के इस बार के लोकसभा उम्मीदवार के चेहरों में कितने नए और पुराने चुनाव लड़ते दिखने वाले हैं?