Loksabha Elections- 2024: BJP ने उम्मीदवारों की घोषणा कर विरोधी दलों पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनाया!
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष टिप्पणी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गहरे विचार मंथन के बाद लोकसभा आम चुनाव 2024 के लिए शनिवार को 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी। इस तरह भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा करने में बढ़त हासिल करते हुए अपने विरोधी दलों पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनाया है। भाजपा की इस पहली सूची में राजस्थान की कुल 25 में से 15 सीटों के उम्मीदवारों के नाम भी शामिल किए गए है।
उम्मीदवारों की पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 34 केंद्रीय मंत्रियों और राज्यमंत्रियों के नामों की घोषणा की गई है। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर और दो पूर्व मुख्यमंत्री के नाम भी पहली लिस्ट में शामिल किए गए हैं। वहीं भाजपा ने बड़ा दांव चलते हुए सूची में 28 महिलाओं और 47 युवाओं जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है। पहली लिस्ट में 57 ओबीसी,18 एस टी और 27 एससी नेताओं के नाम भी शामिल किए गए है।
गत गुरुवार को देर रात तक चली भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हुई लंबी चर्चा के बाद जारी हुई भाजपा की इस पहली सूची ने प्रधानमंत्री साहित 34 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे जबकि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को कोटा-बूंदी से, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ से और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गुजरात की राजधानी गांधीनगर से टिकट दिया गया है।
अन्य केंद्रीय मंत्रियों में गुजरात के पोरबंदर से मनसुख मंडाविया , lअरुणाचल वेस्ट से किरेन रिजिजू , राजकोट से पुरुषोत्तम रूपाला , जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से डॉ. जितेंद्र सिंह,मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान,इटावा से रामशंकर कठेरिया और अमेठी से स्मृति ईरानी को टिकट दिया गया है।
पहली सूची में उत्तर प्रदेश की 80 में से 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है. वहीं पश्चिम बंगाल 20, मध्य प्रदेश की 24, राजस्थान की 15, केरल की 12, तेलंगाना की 9, असम की 11, गुजरात की 15, झारखंड की 11, दिल्ली की 5, जम्मू कश्मीर की 2, उत्तराखंड की 3 सीट के अलावा छत्तीसगढ़, गोवा, अंडमान और दमन दीव की 1-1 सीटों के नामों का ऐलान किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की विभिन्न सीटों पर भी चौकाने वाले फैसले कर पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन और क्रिकेटर सहित गौतम गंभीर जैसे दिग्गजों के टिकट भी काट दिए गए है । भाजपा ने नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से वर्तमान सांसद मनोज तिवारी को , चांदनी चौक से डॉहर्ष वर्धन के स्थान पर प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया गया है ।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है, मथुरा से सांसद हेमा मालिनी को पुनः दिया गया है। इसी प्रकार उन्नाव से साक्षी महाराज को भी फिर से टिकट मिला है। गोरखपुर से रवि किशन को, संत कबीर नगर से प्रवीण निषाद को , कूच बिहार से निशिथ प्रमाणिक को और पश्चिम बंगाल की कांति सीट से शुभेंदु अधिकारी को टिकट दिया गया है।
*राजस्थान में छह नए चेहरे*
सूची में छह नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा गया है। प्रदेश के 5 वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं और अलवर के सांसद महंत बालक नाथ के विधायक बनने से वहां नया चहरा लाया गया है ।
शनिवार को जारी हुई भाजपा की प्रथम सूची में राजस्थान से जिन उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए है उनमें वर्तमान सांसदों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा-बूंदी से, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी को चित्तौड़गढ़ से,केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को जोधपुर से, केंद्रीय कानून,संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल को बीकानेर से, से,केंद्रीय वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव को अलवर से, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को बाड़मेर से, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को झालावाड़ से,पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी को पाली से और वर्तमान सांसद सुमेधानंद सरस्वती को सीकर से पुनः टिकट दिया गया है जबकि वर्तमान सांसद भरतपुर की रंजीता कोली, चुरू के राहुल कास्वां,जालौर सिरोही के देवजी पटेल, उदयपुर के अर्जुन लाल मीणा और बांसवाड़ा डूंगरपुर के कनक मल कटारा के टिकट काट दिए गए है। इन सांसदों की जगह अब भरतपुर से पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली, चूरू से पेरा ओलंपियन देवेन्द्र झाझड़िया, नागौर से ज्योति मिर्धा, जालोर से लुम्बाराम चौधरी, उदयपुर से नौकर शाह अतिरिक्त परिवहन आयुक्त मन्नालाल रावत और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से महेन्द्रजीत मालवीया को टिकट मिला है। इनमें चार प्रत्याक्षी देवेन्द्र झाझड़िया,लुम्बाराम चौधरी,मन्नालाल रावत तथा भूपेन्द्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लडेंगे। हालांकि भूपेंद्र यादव अभी राज्यसभा रहें है।
भाजपा ने अपने संघ पृष्ठभूमि के वरिष्ठ आदिवासी नेता कनक मल कटारा का टिकट काट कर कांग्रेस से हाल ही भाजपा में शामिल हुए कद्दावर आदिवासी नेता महेन्द्रजीत मालवीया को बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसी प्रकार नागौर से पिछला विधान सभा चुनाव हार चुकी कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय नाथू राम मिर्धा की पुत्री और हरियाणा के जाने माने औद्योगिक घराने से जुड़ी ज्योति मिर्धा को भी नागौर से टिकट दिया है। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में नागौर की सीट अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को समझौता में दी थी। बाद में देश भर में चले किसान आंदोलन के पक्ष में बेनीवाल ने भाजपा से नाता तोड लिया और यह गठबंधन टूट गया।
भाजपा ने सांसद रहते राजस्थान विधान सभा का पिछला चुनाव लड़ कर उसमें पराजित हुए जालौर सिरोही के सांसद और गुजरात में अपना व्यवसाय चलाने वाले देवजी पटेल का टिकट भी काट दिया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के निकट संबंधी और चुरू से लगातार चुनाव जीत रही पिता पुत्र की जोड़ी को भी नजर अंदाज कर भाजपा ने इस बार चुनाव पूर्व सर्वे अनुकूल नहीं होने के कारण वर्तमान सांसद राहुल कास्वां का टिकट भी काट दिया है। बताया जाता है कि उदयपुर से दो बार के सांसद अर्जुन लाल मीणा का टिकट उनके स्वास्थ्य को देखते हुए कटा हैं। भरतपुर की सांसद रंजीता कोली का टिकट कटने का कारण उनके पक्ष में सर्वे का परिणाम अनुकूल नहीं आना बताया जा रहा है।
भाजपा को अब राजस्थान की दस शेष लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करना बाकी है । इनमें अजमेर और झुंझुनूं के सांसद भागीरथ चौधरी और नरेन्द्र कुमार खीचड़ के टिकट कटना भी तय माना जा रहा है। भाजपा ने इन दोनों सांसदों को पिछला विधान सभा चुनाव लड़ाया था लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए। भाजपा शेखावाटी में मजबूत उम्मीदवारों को उतारना चाहती है क्योंकि अपेक्षा कृत यहां पार्टी का जनाधार कमजोर बताया जा रहा है। शेखावाटी के अलावा दक्षिणी राजस्थान के मेवाड़ की राजसमन्द और भीलवाडा, उत्तरी राजस्थान के श्री गंगा नगर हनुमानगढ़,पूर्वी राजस्थान की करौली धौलपुर, दौसा,टोंक सवाई माधोपुर के अलावा राजधानी जयपुर और जयपुर ग्रामीण के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी है।
देखना है राजस्थान की शेष दस लोकसभा सीटों पर भाजपा अपने पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी अथवा अन्य चौकाने वाले चेहरे सामने आएंगे?