Looking For Bully : राहुल गांधी को धमकाने वाले तक पुलिस पहुंची, अभी गिरफ़्तारी नहीं!

दो सेवादारों में भी आपसी विवाद की जानकारी सामने आई  

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Looking For Bully : राहुल गांधी को धमकाने वाले तक पुलिस पहुंची, अभी गिरफ़्तारी नहीं!

इंदौर। राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को मारने की धमकी देने वाले वाले मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने पत्र भेजने वाले की पहचान कर ली। लेकिन, अभी वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। धमकी वाले पत्र के साथ अमनदीप (करनाल) का वोटर पहचान-पत्र मिला था। पुलिस टीम करनाल में अमनदीप तक पहुंच गई।

डीसीपी जोन-4 राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, अमनदीप ट्रक ड्राइवर है। एक साल पहले वह गुना में नशे के साथ पकड़ाया था। उस पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था। हालांकि, उसने इंदौर या उज्जैन जाने से इनकार किया। उसका पहचान-पत्र यहां कैसे पहुंचा, यह भी पता नहीं चल रहा है। पुलिस को यह सुराग भी मिला कि ज्ञान सिंह व लाल सिंह जिस धर्मस्थल से जुड़े थे, वहां एक खानाबदोश आता था। धमकी भरे पत्र मामले में उसकी भूमिका होने की पुख्ता जानकारी मिली। वह धर्मस्थल पर कई बार विवाद कर चुका है, उसकी पहचान हो गई, लेकिन हाथ नहीं लगा।

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र के अनुसार, आपसी विवाद में पत्र भेजने वाले की शिनाख्त हो गई है, लेकिन पकड़ में नहीं आया। उसकी गिरफ़्तारी के बाद ही पत्र भेजने का कारण स्पष्ट होगा।

आपसी विवाद की भी आशंका 

मिले पत्र में ज्ञानसिंह का नाम लिखा होने से पुलिस ने उससे पूछताछ की। ज्ञान सिंह गुरुद्वारे का सेवादार था, जहां दूसरे सेवादार लालसिंह से उसका विवाद हुआ था। लालसिंह से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। यह मामला दोनों की रंजिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पत्र में ज्ञान सिंह का मोबाइल नंबर लिखा था। इसके अलावा तीन मोबाइल नंबर और लिखे थे, जो ज्ञान सिंह के परिचितों के निकले। एक मोबाइल नंबर बंद है, जिसकी जानकारी ली जा रही है। एडिशनल डीसीपी प्रशांत चौबे, एसीपी दिशेष अग्रवाल व टीआई योगेश सिंह तोमर संदेहियों से पूछताछ कर रहे हैं। ज्ञान सिंह का चार साल पहले लाल सिंह से विवाद हुआ था।

33 डाक पेटियों तक भी पुलिस पहुंची

पुलिस ने अपनी शिनाख्त में पाया था कि धमकी भरा यह पत्र उज्जैन से पोस्ट हुआ था। पुलिस की एक टीम वहां भी भेजी गई। उस दिन शहर की 33 डाक पेटियों से पत्र जीपीओ आए थे। 33 डाक पेटियों तक पुलिस पहुंची, लेकिन अधिकांश सीसीटीवी कैमरे की जद में नहीं हैं। पुलिस आसपास के सीसीटीवी से पत्र डालने वाले का सुराग हासिल करने का प्रयास कर रही है। एक मोबाइल नंबर राजस्थान का होने से वहां की पुलिस की भी मदद ली जा रही है। IB और STF की टीमें भी लगातार छानबीन कर रही हैं।