Lord Ganesha’s Treasure : खजराना गणेश मंदिर के खजाने की 34 तिजोरी खुली! 

अब तक गिनती में सोना, नोट, डॉलर और पाउंड के अलावा बंद नोट भी निकले!   

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Lord Ganesha’s Treasure : खजराना गणेश मंदिर के खजाने की 34 तिजोरी खुली! 

Indore : प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर का खजाना खुल गया और चढ़ावे में आए कैश, सोना-चांदी और सामान की गिनती जारी है। शुक्रवार को चौथे दिन भी नकदी सहित सोने चांदी के आभूषण व डॉलर और बंद हो चुकी करेंसी जैसे 2000 के नोट भी दान पेटी से मिले। मंदिर की 46 में से 34 पेटियां खुली हैं। इसके बाद नोटों का अंबार लग गया। नोट गिनने के लिए मशीनों से गिनती हो रही है। दान पेटियों से सोना, डॉलर और पाउंड सब मिला।

दान पेटियों से परंपरा के अनुरूप सोने और चांदी के जेवर, रुद्राक्ष से सोने से जड़ित माला सहित विदेशी मुद्रा और बंद हो चुके 500 और 2000 के नोट भी दानपेटी से निकले। पुजारी अशोक भट्ट के मुताबिक, खजराना गणेश मंदिर समिति के साथ ही नगर निगम के करीब 35 अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण सुरक्षा के साथ अब तक 46 में से 34 पेटियों की गिनती हो चुकी है। आज भी पेटियों से दान की गिनती को जा रही हैं।

देश के सबसे धनी मंदिरों में खजराना गणेश मंदिर का नाम भी आता है। यहां भक्तों की ओर से दिए चढ़ावे के कारण मंदिर की कुल चल और अचल संपत्ति बेहिसाब है। साथ ही शिर्डी स्थित साईं बाबा, तिरुपति स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की तरह यहां भी श्रद्धालुजन ऑनलाइन भेंट चढ़ावा चढ़ाते हैं।

आगामी दो-तीन दिनों में मंदिर के दान कोष की गिनती पूरी हो जाएगी। इसके पहले करीब 4 महीने पहले मंदिर की दान पेटी खुली थी। साल में करीब 4 करोड़ से ऊपर दान आता है। यानी करीब 30 लाख रुपये हर महीने, जो मंदिर समिति के काम आता है। खजराना गणेश मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट ने बताया कि अभी दान पेटी की गिनती चल रही है। 4 दिन और लगेंगे साल में करीब 4 करोड़ से ऊपर दान आता है हर चार महीने में दान पेटी खुलती है।

होलकर वंश की महारानी ने बनवाया था मंदिर

इंदौर का खजराना स्थित गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और मंदिर की दीवार पर धागा बांधते हैं। वैसे तो भगवान गणेश की पूजा-अर्चना हर शुभ कार्य करने से पहले की जाती है। लेकिन, खजराना गणेश मंदिर में भक्तों की सबसे अधिक भीड़ बुधवार के दिन होती है। बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं। इस दिन यहां विशेष आरती आयोजित की जाती है।