चुनावी माहौल में उपहारों और वायदों की भरमार!
पांच राज्यों में इन दिनों चुनावी माहौल है और ऐसे में हर नेता और पार्टी बढ़चढ़ कर वायदे कर रही है। जो सत्ता में है वह उपहारों की मूसलाधार झड़ी लगाये हुए है तो जो विपक्ष में है वह वायदों की फसल लहलहाने की जुगत में है। कोई किसी से कम नहीं है, सबको अपनी-अपनी अच्छी परफारमेंस का चुनाव में भरोसा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा है कि जन आशीर्वाद यात्राओं में जितना जनता का समर्थन व आशीर्वाद हमें मिल रहा है उसको देखते हुए भाजपा को चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी सफलता 2023 के विधानसभा चुनाव में मिलेगी।
राजनीतिक दलों द्वारा हर राज्य में मुफ्त की योजनाओं की घोषणाओं पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजीत पवार गुट के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने तंज कसा है कि चाहे कांग्रेस हो, तृणमूल कांग्रेस हो, डीएमके हो, हर पार्टी असंभव चुनावी घोषणाएं कर रही हैं और यही काम मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी कर रही है।
पटेल ने यह स्वीकार किया कि पिछले चुनाव परिणाम पार्टी के लिए अच्छे नहीं थे परन्तु इस बार मजबूत सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे और जल्द ही टिकटों की घोषणा करेंगे। उनकी नजर में इंडिया गठबंधन कमजोर है क्योंकि उसके पास कोई चेहरा, कोई रणनीति व कोई प्लानिंग नहीं है। हालांकि मध्यप्रदेश में सत्ताशीर्ष पर बैठने के लिए कांटेदार मुकाबला वास्तव में केवल भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होना है और बाकी दल केवल वोट काट कर किसी की हार व किसी की जीत में सहभागी बनने की भूमिका में ही नजर आयेंगे।
भाजपा सरकार विभिन्न वर्गों को अपने पाले में लाने के लिए सौगातों की बौछार कर रही है तो वहीं सनातन के मामले को उठाते हुए कांग्रेस की घेराबंदी भी कर रही है। ऐसा लग रहा है जैसे मानों शिवराज और कमलनाथ के बीच कटाक्ष करने की कोई प्रतिस्पर्धा चल रही हो। शिवराज का कहना है कि सनातन के अपमान पर कमलनाथ मौनी बाबा बन जाते हैं और वोट लेते समय ढोंगी बाबा। तो वहीं कमलनाथ तंज कर रहे हैं कि मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में बहुत अन्तर है। शिवराज राहुल गांधी को भी अपने लपेटे में ले रहे हैं और बिना उनका नाम लिए कटाक्ष किया कि जिस पार्टी का लीडर पहिए वाला सूटकेस सिर पर उठाये घूमता हो उसका भला क्या होगा।
कांग्रेस की आक्रोश यात्राओं पर वे कहते हैं कि जहां आक्रोश है वहां आक्रोश दिख रहा है, मारपीट हो रही है, बंदूक तक निकलने की नौबत है। यात्रा में दिग्विजय सिंह को पोस्टर से ही गायब कर दिया गया है। कमलनाथ तो यात्रा से ही गायब हैं, कांग्रेस ने जनता के साथ छल किया है। वहीं कमलनाथ का कहना है कि हमारी सरकार बनी तो मांगे पूरी होंगी वरना मेरा कुर्ता पकड़ कर खींच लेना, यह बात उन्होंने बेरोजगार सम्मेलन में कही। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि हमारी सरकार आने पर हम घोटाला नहीं करेंगे, पटवारी परीक्षा की जांच सरकारी आदमी से नहीं युवाओं से करायेंगे।
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने सतना में कहा कि भाजपा में अब जनसंघ के वक्त के लोग नहीं हैं क्योंकि अब भाजपा वह पार्टी नहीं रही जिसमें वे जुड़े थे। जोशी ने कटाक्ष किया कि सनातन की बातें करने वालों को गाय नहीं चीतों की चिन्ता है, उनका कहना था कि जो काम शिवराज तीन महीने में नहीं कर सके वह कमलनाथ ने तीन मिनट में कर दिया। भाजपा ने अपनी चुनावी संभावना को चमकीला बनाने के लिए पांच जन आशीर्वाद यात्राएं निकाली हैं, जिसके समापन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल आगमन से कार्यकर्ताओं में हिमालयीन जोश भर गया है। भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा के अनुसार यह यात्राएं 280 किमी से ज्यादा चलीं, 250 बड़ी सभाएं हुईं और 750 रथ सभाएं हुईं, एक करोड़ से अधिक लोग इसमें शामिल हुए। इसमें पार्टी को जनता का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। अब यह तो चुनाव नतीजों से ही पता चलेगा कि किसको जनता का आशीर्वाद मिला और किसका सत्ता साकेत में विचरण का सपना साकार हुआ।