Low Voting in Second Phase : दूसरे चरण में भी MP में 58.35% मतदान, गर्मी के कारण मतदाता घर से नहीं निकले!

होशंगाबाद में सबसे ज्यादा और रीवा में सबसे कम मतदान!

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Low Voting in Second Phase : दूसरे चरण में भी MP में 58.35% मतदान, गर्मी के कारण मतदाता घर से नहीं निकले!

Bhopal : शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान पूरा हो गया। इस चरण में मध्यप्रदेश की 6 लोकसभा सीटों सतना, रीवा, दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़ और होशंगाबाद में मतदान हुआ। शाम 6 बजे तक प्रदेश के 6 लोकसभा सीट पर 58.35 % वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा होशंगाबाद सीट पर 67.16% और सबसे कम रीवा सीट पर 48.67% मतदान हुआ। कम होते इस वोटिंग प्रतिशत ने सभी राजनीतिक दलों का गणित बिगाड़ दिया।

कल सुबह के समय मतदान केंद्रों पर वोटर्स की लंबी-लंबी लाइन नजर आई। लेकिन, जैसे जैसे दिन चढ़ता गया और गर्मी बढ़ी तो पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी दिखी। शाम को एक बार फिर मतदाता पोलिंग बूथों पर पहुंचे। लेकिन, फिर भी मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ सका।

सेकंड फेज की इन 6 सीटों पर मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 है। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला।

खजुराहो में सुबह वोटिंग देर से शुरू होने पर भाजपा उम्मीदवार वीडी शर्मा ने नाराजगी जताई। वहीं खजुराहो के एक पोलिंग बूथ पर वोटर्स ने सेक्टर अधिकारी पर वोट नहीं करने देने के आरोप लगाए और हंगामा किया। इसके चलते करीब 2 घंटे मतदान रुका रहा। जबकि, दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने पोलिंग टीम को फटकार लगा दी।

नर्मदापुरम में भाजपा महामंत्री ने ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर को बहस के बाद देख लेने की धमकी दे डाली। दमोह में ड्यूटी पर तैनात एक वनकर्मी को हार्ट अटैक आ गया। रीवा, सतना, दमोह और नर्मदापुरम में कुछ जगह ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया।

 

देशभर में मतदान कम

दूसरे चरण में शुक्रवार को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर मतदान हुए. हालांकि चुनाव को लेकर उत्साह शाम को आए वोटिंग प्रतिशत ने कम कर दिया। इस बार का वोटिंग ट्रेंड पहले चरण के चुनाव से भी खराब रहा. दूसरे चरण में महज 63.00 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों पर 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट किया था। कम होते इस वोटिंग प्रतिशत ने सभी राजनीतिक दलों का गणित बिगाड़ दिया है।

पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोट डाले गए थे। पिछले चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुए थे. यही हाल दूसरे चरण में भी रहा। किसी भी राज्य में मतदान का आंकड़ा 80 फीसदी को पार नहीं कर सका।