LS Polls: इस बार का वोटिंग प्रतिशत काफी कुछ बयां कर रहा है! चौथे चरण में सोमवार को 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीट पर हुआ मतदान

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LS Polls: इस बार का वोटिंग प्रतिशत काफी कुछ बयां कर रहा है! चौथे चरण में सोमवार को 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीट पर हुआ मतदान

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट 

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में सोमवार को 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में नवीनतम जानकारी मिलने तक करीब 63 प्रतिशत मतदान हुआ है।

लोकसभा के पहले तीन चरणों की तरह चौथे चरण में भी 2019 के मुकाबले इस बार कम प्रतिशत हुआ है जिसका सभी दल अपने अपने ढंग से आंकलन कर रहे है।

लोकसभा के चौथे चरण में आंध्र प्रदेश की 25, बिहार की 5, जम्मू-कश्‍मीर की 1 सीट, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 11,ओडिशा की 4, तेलंगाना की 17,उत्तर प्रदेश की 13 और पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर वोटिंग हुई है। इस चरण में 1717 प्रत्याशियों की किस्‍मत दांव पर थी, भाजपा नीत राजग के इन 96 लोकसभा सीट में से 40 से अधिक पर वर्तमान में सांसद हैं. लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरणों में क्रमशः 66.14 प्रतिशत, 66.71 प्रतिशत और 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार का वोटिंग प्रतिशत काफी कुछ बयां कर रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार मतदाताओं के मूड को समझना आसान नहीं है। उनका कहना है कि राजनीति में भविष्‍यवाणी करना वैसे बहुत मुश्किल होता है, क्‍योंकि मतदाताओं के मूड को समझना आसान नहीं होता,लेकिन कम वोटिंग प्रतिशत को आमतौर पर सत्‍ता पक्ष के विरूद्ध देखा जाता है। पिछले 12 में से 5 चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिले है। जब-जब मतदान प्रतिशत में कमी आई है, तब चार बार सरकार बदल गयी है,वहीं एक बार सत्ताधारी दल की वापसी हुई है। 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट हुई थी और जनता पार्टी की सरकार सत्ता से हट गयी। जनता पार्टी की जगह कांग्रेस की सरकार बन गयी थी। वहीं 1989 में एक बार फिर मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी और कांग्रेस की सरकार चली गयी थी। विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी थी। 1991 में एक बार फिर मतदान में गिरावट हुई और केंद्र में कांग्रेस की वापसी हो गयी।1999 में मतदान में गिरावट हुई लेकिन सत्ता में परिवर्तन नहीं हुआ,वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला था। हालांकि, राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार भी ऐसा ही परिणाम देखने को मिलेगा यह कहना मुश्किल है।

चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 बजे तक सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 75.66 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले गए। सोमवार को ही आंध्रप्रदेश राज्य विधानसभा की सभी 175 सीटों और ओडिशा राज्य विधानसभा की 28 सीटों के लिए भी मतदान हुआ। चौथे चरण के चुनाव में जो प्रमुख उम्मीदवार मैदान में थे, उनमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह बिहार की बेगूसराय, नित्यानंद राय उजियारपुर से, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से, महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे बीड से, एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष वाई एस शर्मिला कडप्पा लोकसभा सीट से उम्मीदवार थीं। पश्चिम बंगाल में कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा भी मैदान थीं। चौथे चरण में 1.92 लाख मतदान केंद्रों पर 17.7 करोड़ से अधिक मतदाता थे। इनमें 8.97 करोड़ पुरुष और 8.73 करोड़ महिला मतदाता थे।

इस बार सात चरणों में हो रहें लोकसभा चुनावों पहले चरण में 102 लोकसभा सीटों, दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों और तीसरे चरण में 93 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। यानी चौथे चरण की समाप्ति के बाद अब देश के 23 प्रदेशों की 379 सीटों पर मतदान का कार्य पूरा हो चुका है। अब लोकसभा चुनाव के शेष 3 चरणों में लोकसभा की 164 सीटों पर मतदान होना हैं।

अब तक राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मेघालय, तमिलनाडु, मिजोरम, नागालैंड, उत्तराखंड, त्रिपुरा, अंडमान निकोबार, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गोवा, दादर नगर हवेली और दमन दीव में चुनाव पूरी तरह से संपन्न हो गए है।

मतदान का अगला पांचवां चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई और सातवां और आखिरी चरण एक जून को समाप्त होगा तथा चार जून को मतगणना होने के साथ ही चुनाव परिणाम आ जायेगे एवं 18 वीं लोकसभा के गठन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

देखना है चुनाव के अगले चरणों में देश में मतदान का मिजाज क्या रहता है?