Lyrics of Kusmaria : कुसुमारिया ने आखिर भाजपा को कौनसी गोली दी कि सब समझ आ गया!  

तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष को भी कुसुमारिया ने उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया था!

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Lyrics of Kusmaria : कुसुमारिया ने आखिर भाजपा को कौनसी गोली दी कि सब समझ आ गया!  

Damoh : भाजपा सरकार के पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने विकास यात्रा में जो कहा वो पार्टी के हित में नहीं कहा जा सकता। उन्होंने पथरिया विधानसभा क्षेत्र के नंदरई गांव में मंगलवार को विकास यात्रा में मंच से कहा कि जब कोई बीमार हो तो गोली दी जाती है, वैसे ही मैंने भी पार्टी को गोली दी थी। उसके बाद सबको समझ में आ गया। जब समझ में आ गया, तो फिर सब कुछ ठीक चलने लगा। मेरे कारण 12-14 विधायक गए थे और अब 25 लौटकर आ गए। अब क्या चाहते हो? मय ब्याज के तो विधायक दिला दिए हैं। अध्यक्ष ने मुझसे कहा था तुम्हारी औकात है क्या, मैंने दिखा दी अपनी औकात।

विधानसभा चुनाव के लिए जहां भाजपा अपने विकास कार्यों गिनाकर जनता को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में पूर्व कृषि मंत्री डॉ कुसमरिया का ये बयान विरोधी पार्टियों के लिए निश्चित ही एक मुद्दा बनकर उभरा है। फिलहाल उनके भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया। पथरिया विधानसभा क्षेत्र के नंदरई गांव में मंगलवार को विकास यात्रा का कार्यक्रम था। भाजपा के कई नेता और विधायक शामिल हुए। इसमें पूर्व मंत्री कुसमरिया भी थे।

उन्होंने भाजपा की नीतियों की चर्चा शुरू की। फिर जनसंघ की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे पार्टी एक एक कदम आगे बढ़ी और फिर उमा भारती के मुख्यमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि उनके बाद शिवराज सिंह चौहान सीएम बने, तब से वही सीएम बनते आ रहे हैं। बीच में थोड़ी गड़बड़ हो गई थी, वह मेरे कारण हुई थी। मैं क्या करता, मेरी कोई नहीं सुन रहा था।

मैंने कहा था मुझे पथरिया से नहीं तो बिजावर, महाराजपुर से टिकट दे दो, सरकार बनवा दूंगा। उस समय हम लोग इसी तरह यात्राएं करते थे। मैंने अध्यक्ष से कहा की सच्ची बात यह है कि हमारी सरकार नहीं आ रही है। मैंने उनसे कहा कि बुंदेलखंड के सागर जिले को छोड़कर मैंने सभी जगह से चुनाव लड़े हैं। इस क्षेत्र में मेरी एक पीढ़ी की पहचान है मुझे टिकट दे दो, मैं तुम्हारी सरकार बनवा दूंगा, लेकिन वह गलत बात बोल गए थे, इसलिए मुझे ज्यादा गुस्सा आ गया और उस गुस्से का परिणाम जो हुआ वह आप सभी के सामने हैं।

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अध्यक्ष ने कहा था ‘तुम्हारी औकात है क्या!’

टिकट को लेकर जब मेरी तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह से बात हुई थी। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारी इतनी औकात है? तो मैंने कह दिया कि अब मैं अपनी औकात फील्ड में दिखाऊंगा, यहां नहीं। मैं इतना सीनियर और तुम कल के अध्यक्ष बने और औकात की बात कर रही हो। ऐसे में तो किसी को भी गुस्सा आ जाएगा, इसलिए मुझे भी आ गया और भाजपा की सरकार चली गई।

गोली दे दी, तो सब ठीक हो गया

मैंने जो किया उसके बाद से बहुत कुछ ठीक हो गया। क्योंकि, जब थोड़ा सा झटका लग जाता है तो सब ठीक हो जाता है। कहीं जब बीमारी लग जाती है, तो जैसे मलेरिया की गोली दी जाती है वैसे ही मैंने भी गोली दे दी। अब समझ में आ गया, तो उसके बाद अब सब ठीक चलने लगा। मेरे कारण 12-14 (विधायक) गए थे और 25 लौटकर आ गए। अब क्या चाहते हो, मय ब्याज के तो दिला दिए हैं।

मंत्री पद का कार्यकाल विवादस्पद रहा 

भाजपा सरकार में जब डॉक्टर कुसमरिया कृषि मंत्री थे, उसी समय प्रदेश में पाला पड़ने से फसलें खराब हो गई थी। जगह-जगह किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आ रहे थे, जिसमें दमोह इन घटनाक्रमों का केंद्र बना हुआ था। उस समय कुसमरिया कृषि मंत्री थे। इस समय उन्होंने एक बयान में किसानों को ‘पापी’ कह दिया था, जो बड़ा मुद्दा बन गया। हालात ये हुए थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुद प्रदेशभर में दौरे करके अपने कृषि मंत्री के उस बयान पर माफी मांगनी पड़ी थी।

इस बयान के पीछे का मतलब 

2018 विधानसभा चुनाव में डॉ रामकृष्ण कुसमरिया पथरिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक की टिकट मांग रहे थे। लेकिन, पार्टी ने वहां से लखन पटेल को अपना प्रत्याशी बना दिया। कुसमरिया को लगा कि पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के कारण पथरिया से उनका टिकट काटा गया है। कुसमरिया ने पार्टी के वरिष्ठों से अपनी टिकट के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। गुस्से में आकर कुसमरिया ने पथरिया और दमोह दोनों जगह से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भर दिया। नतीजा ये हुआ कि दोनों जगह से ही भाजपा के प्रत्याशी चुनाव हार गए।

इसके बाद कुसमरिया भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए और बाद में फिर भाजपा में वापस आ गए। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी, क्योंकि भाजपा के कुछ विधायक कम रह गए थे। कुसमरिया उन्हीं 12-14 कम विधायकों की बात कर रहे हैं। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ करीब 25 विधायक भाजपा में शामिल हो गए और फिर से भाजपा की सरकार बन गई। यहां पर जो 25 विधायक भाजपा में आने का जिक्र कुसमरिया कर रहे हैं, वो यही है। उन्होंने अपनी इस बात को इस तरीके से कहा जैसे उन्हीं के प्रयासों से यह सभी विधायक भाजपा में आए हो।