संभावनाओं से भरा मध्य प्रदेश… लुधियाना से शुरू हुई मोहन-मंडलोई पारी…

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संभावनाओं से भरा मध्य प्रदेश… लुधियाना से शुरू हुई मोहन-मंडलोई पारी…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

लुधियाना में आयोजित ‘मध्यप्रदेश में निवेश के अवसर’ पर इंटरैक्टिव सत्र के साथ मुख्यमंत्री के नए अपर मुख्य सचिव एसीएस नीरज मंडलोई के कामकाज की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिति सहित 30 लाख करोड़ निवेश प्रस्ताव तक का सफर अपने पूर्व एसीएस डॉ. राजेश राजौरा के साथ तय किया था। और अब भी 1990 बैच के आईएएस अफसर डॉ. राजेश राजौरा मध्य प्रदेश के लिए उसी तरह संभावनाओं से भरे हुए हैं जैसा कि मध्यप्रदेश उद्योग के क्षेत्र में पूरे देश दुनिया के लिए संभावनाओं से भरा हुआ है। यह सब सामने आएगा जब भविष्य में मध्य प्रदेश इस बात की पुष्टि करेगा। फिलहाल उद्योग के मामले में लुधियाना में भी यह बात पूरी दृढ़ता के साथ उद्योगपतियों के सामने रखी गई कि मध्य प्रदेश में सभी क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। डॉ. मोहन यादव ने यहां डबल रोल में मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री के रूप में भी निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश के लाभ गिनाए।

मध्य प्रदेश में संभावनाओं का लेखा-जोखा रखते हुए प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने लुधियाना के निवेशकों का मन यह कहकर जीत लिया कि हमारे मुख्यमंत्री का ध्येय वाक्य यही है कि ‘न रुकेंगे ना थकेंगे’। संभावनाएं गिनाकर वापस अपने स्थान पर लौटते राघवेंद्र सिंह को लुधियाना के निवेशकों ने वापस बुलाकर फिर से इस ध्येय वाक्य को सुना। राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश तकनीक के क्षेत्र में तेजी से बढ़ता राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पूरा ध्यान राज्य के औद्योगिकीकरण पर है। मध्यप्रदेश में निवेश की अनंत संभावनाएं हैं। प्रदेश में नार्थ, साउथ कॉरिडोर हैं। यहां लॉजिस्टिक की अच्छी सुविधाएं हैं। हमारे पास एक लाख एकड़ से ज्यादा लैंड बैंक है। केंद्र की ओर से उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, धार में पीएम मित्र पार्क, मुरैना में लेदर पार्क और बाबई में इलेक्ट्रिक उपकरण पार्क मिला है। राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास पर केंद्रित 18 नई नीतियां फरवरी में लागू की हैं। राज्यों में हमारी जीएसडीपी ग्रोथ सबसे अधिक रही है। निवेशकों को इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में कई राष्ट्रीय संस्थान हैं। प्लांट मशीनरी पर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन असिस्टेंस 40 प्रतिशत तक है।

तो मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने देश के दिल मध्यप्रदेश में सभी निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज मध्यप्रदेश के विकास की झलक पंजाब में दिखाई दी है। पंजाब के निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी बन सकती है। राज्य में वर्ल्ड क्लास लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। पंजाब के जैसे ही मध्यप्रदेश में उद्योग-व्यापार की अनंत संभावनाएं हैं।

और फिर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सत श्री अकाल और जय महाकाल संबोधन से मध्य प्रदेश और पंजाब को एक माला में पिरो दिया। तो गेहूं उत्पादन की बात करते हुए उन्होंने पंजाब और मध्य प्रदेश के बीच बड़ा भाई और छोटे भाई का रिश्ता जोड़ दिया। कहा कि कोई एक बात नहीं सभी क्षेत्रों में मै मानकर चलता हूं, मध्य प्रदेश और खासकर पंजाब के संदर्भ में कहूं तो “यह दोनों सगे बिछड़े हुए भाई हैं।”

और फिर भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद और विक्रमादित्य भी मुख्यमंत्री की जुबां पर आ ही गए। और विशेष तौर पर मालवा की रोचक व्याख्या सबको पसंद आई। डॉ मोहन यादव ने कहा कि जब मैं आपको देख रहा हूं तो मुझे लगता है भविष्य की दृष्टि से हमारे अपने अतीत के काल के आधार पर…, पंजाब के अंदर एक मालवा भी है, है कोई मालवा..? जब सम्राट विक्रमादित्य ने उस समय के अपने उस दौर में जब शकों का साम्राज्य आ गया तो शक हमारे देश के नहीं थे; वह दुनिया के पता नहीं किस हिस्से से आए थे रोम के आगे से। ऐसे में उन्होंने पूरे देश को गुलाम बना लिया था और गुलाब बनाने के बाद इस देश में जैसे अपने यहां पिछले समय के या दुनिया के कई देशों की हालत हम देख रहे हैं। ऐसे समय में विक्रमादित्य ने अपनी तलवार के बलबूते पर न केवल देश को आजाद कराया बल्कि पंजाब के मालवा और मध्य प्रदेश के मालवा को मिलाकर पूरे देश में एक अलग प्रकार का आनंद उत्साह का वातावरण दिया था। वह हजारों साल का हमारा इतिहास, जिसके आधार पर हम और आप जुड़े हुए हैं। बताया कि ‘माल वाले के पास मालवा होता है और किसके पास मालवा होता है। मालवा का मतलब क्या है..? मालवा नाम थोड़ी है.. और माल वाले कहां है, या तो पंजाब में या मध्य प्रदेश में।’

मध्य प्रदेश के अंदर की संभावनाओं को लेकर मोहन यादव ने विजन साफ कर दिया‌। बोले जैसा मैंने कहा कि हमारी सरकार ने एक संकल्प लिया है। संकल्प में यह गुंजाइश दी है कि अगर आप रोजगार परक इंडस्ट्री लगाते हो तो रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री डालते हो तो फैक्ट्री आपकी है लेबर आपके यहां काम करेंगे प्रॉफिट आप कमाओगे लेकिन ₹5000 प्रति लेबर का भुगतान हम करेंगे ताकि हमारे अपने लोगों को रोजगार मिले। मुख्यमंत्री बोले कि मैं आपको केवल दो-तीन जानकारी देना चाहूंगा हमारी सरकार ने जनहितैसी योजनाएं खास करके जिस जिस क्षेत्र में हमारी कमजोरी थी उन कमजोरी में हम आगे बढ़कर के अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना के बलबूते पर कई सारी योजनाएं चालू की। जैसे, स्कूल जाने वाला बच्चा अगर छठी या नौवीं के बाद वह स्कूल जाता है और 4 किलोमीटर से ज्यादा दूर उसका घर है तो हमने कहा है कि बच्चा पैदल नहीं जाएगा। साइकिल हमारी सरकार की तरफ से दिलवाई जाएगी। लाखों साइकिल हम हर साल देते हैं। इसके माध्यम से हम आपकी संभावनाएं खोल रहे हैं क्योंकि साइकिल हम दे रहे हैं तो साइकिल हम तो नहीं बना सकते.., तो पंजाब की साइकिल मध्य प्रदेश में भी बन सकती है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। ऐसी अपने बीच में बहुत सारी संभावनागत इंडस्ट्री है।

तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और एसीएस नीरज मंडलोई की जुगलबंदी लुधियाना में मिले 15000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों के साथ शुरू हो गई है। लुधियाना के उद्योगपतियों से 15 हजार 606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, जिससे 20 हजार से अधिक रोजगार का सृजन होगा। तो उम्मीद यही है कि मोहन-मंडलोई की पारी सफल हो और मोहन-राजौरा की पारी से भी लंबी लकीर खींचकर मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश का इतिहास बना सके…।