मध्यप्रदेश को याद रहेगी महामहिम की आरोग्यता को समर्पित यह यात्रा …

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को परिवार सहित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे। महामहिम का यह दौरा मध्यप्रदेश के लिए खास है। 25 जुलाई 2017 को देश के 14 वें राष्ट्रपति बने कोविंद का पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा होने से करीब दो माह पहले मध्यप्रदेश आना कई मायनों में खास है। महामहिम की इस यात्रा में स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर कार्यक्रमों का आयोजन है। वह जिस कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में आरोग्य भारती के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। यह इमारत इससे पहले तक मिंटो हॉल के नाम से जानी जाती थी।
यानि अपने नए नाम के साथ कुशाभाऊ ठाकरे सेंटर पहली बार राष्ट्रपति का स्वागत कर हमेशा के लिए इस स्मृति को संजोकर रखेगा। राष्ट्रपति शाम को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में प्रदेश की 85 स्वास्थ्य संस्थाओं के विकास और निर्माण कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इसके साथ-साथ वे भोपाल में अस्थिरोग संस्थान और श्वास रोग विशेषज्ञ अस्पताल के निर्माण कार्यों का भी भूमिपूजन करेंगे। यानि कि प्रदेश की राजधानी में आरोग्य रहने के लिए हो रहे प्रयासों को समर्पित उनकी यह यात्रा इन सभी स्वास्थ्य संस्थानों की अमिट और चिरस्थायी याद बन जाएगी।
29 मई को सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भोपाल से उज्जैन जाएंगे। वह सुबह 9.50 बजे कालिदास संस्कृत अकादमी पहुंचकर अखिल भारतीय आयुर्वेद सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यानि स्वास्थ्य के प्रति चिंता भी इसमें शामिल होगी, तो स्वस्थ्य रहने के लिए आयुर्वेद किस तरह वरदान है…यह बात भी रामनाथ कोविंद के मुंह से मध्यप्रदेश की साढे आठ करोड़ आबादी केे साथ ही पूरा देश सुनेगा। इस कार्यक्रम के बाद वह महाकाल के दर्शन और पूजा कर इसी दिन शाम को दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
इसके साथ ही महामहिम की तीन दिवसीय यह यात्रा मध्यप्रदेश की यादों में स्थायी तौर पर दर्ज हो जाएगी। राष्ट्रपति के इस कार्यकाल में वह शायद ही फिर भोपाल और उज्जैन पहुंचें। मध्यप्रदेश के साथ राजभवन के लिए भी राष्ट्रपति की यह यात्रा विशेष है, तो मध्यप्रदेश के लिए भी। और राष्ट्रपति के बतौर रामनाथ कोविंद के लिए भी यात्रा विशेष है कि वह तीसरे बड़े ज्योतिर्लिंग महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
एक नजर डालें तो रामनाथ कोविन्द का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) की तहसील डेरापुर, कानपुर देहात के एक छोटे से गाँव परौंख में हुआ था। वह भारत के 14वें और वर्तमान राष्ट्रपति हैं। वे एक राजनीतिज्ञ हैं। वे 25 जुलाई 2017 को 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए। 25 जुलाई 2017 को भारतीय उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने उन्हें भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलायी। वे राज्यसभा सदस्य तथा बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं।
रामनाथ कोविन्द का सम्बन्ध कोरी (कोली/कोरी) जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, गुजरात में अनुसूचित जनजाति एवम् उड़ीसा में अनुसूचित जनजाति में आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात उन्होने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। उन्होनें संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा भी तीसरे प्रयास में ही पास कर ली थी। तो महामहिम मध्यप्रदेश की धरती आपका सान्निध्य पाकर खुश है और ह्रदयप्रदेश दिल से आपका स्वागत कर रहा है। मध्यप्रदेश को  महामहिम की आरोग्यता को समर्पित यह यात्रा हमेशा याद रहेगी।