
मध्य प्रदेश की हलचल: बदलाव, दौरे, संगठन और योजनाएँ
– राजेश जयंत
मध्य प्रदेश में राजनीति और प्रशासन की हलचल कई मायनों में चल रही है। सियासत के रंग हर दिन बदल रहे हैं- एक ओर न्यायपालिका में नया नेतृत्व उम्मीदें जगा रहा है, तो दूसरी तरफ प्रशासनिक फैसलों, संगठन में बदलाव और योजनाओं की सौगात से आम आदमी प्रभावित हो रहा है। धर्म, सरकार और विकास- तीनों सवालों पर प्रदेश में बहस और बदलाव साफ देखे जा सकते हैं। आइए जानते हैं 17 जुलाई 2025 तक की सबसे अहम घटनाएं, जिनका असर आने वाले दिनों में गहराई से दिखेगा।

1-न्यायपालिका में बदलाव: नए चीफ जस्टिस का शपथग्रहण-
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा के शपथग्रहण से न्यायिक प्रक्रिया में नया जोश आया है। लंबे समय से लंबित केसों और न्याय की तेज़ डिलीवरी को लेकर जनता में उम्मीदें जगी हैं। सीनियर जजों, लॉ अफसरों और सिविल सोसायटी की प्रतिक्रिया भी बहुत सकारात्मक रही है- माना जा रहा है युवा पीढ़ी को त्वरित न्याय मिलेगा और हाईकोर्ट की कार्य-क्षमता में इज़ाफा होगा।

2-मुख्यमंत्री मोहन यादव का विदेश दौरा-
सीएम मोहन यादव की स्पेन यात्रा सिर्फ प्रदेश के पर्यटन या इमेज बिल्डिंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने निवेशकों से सीधे संवाद किया, एमपी की पॉलिसियों से स्पेनिश इंडस्ट्री को अवगत कराया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कई मौके तलाशे। सरकार का मानना है कि इससे टूरिज्म, आईटी और नवीनीकृत ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रदेश को नए निवेश मिलेंगे। ये यात्रा प्रदेश को दुनिया के नक्शे पर और मजबूती से लाने की कवायद का हिस्सा है।

3- बीजेपी में नई सियासी हलचल-
नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का पहली बार मैदान में उतरना बीजेपी कार्यकर्ताओं को नई दिशा और जोश दे रहा है। ग्वालियर में हुए रोड शो और रैली के जरिए उन्होंने विपक्ष को भी सीधी चुनौती दी। अब कार्यकर्ता सक्रिय रूप से जिलों में काम-काज और चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं, जिससे संगठन की जड़ें मजबूत हो रही हैं। विपक्षी दल कांग्रेस और गैर-बीजेपी फ्रंट इस नई ऊर्जा को गंभीरता से ले रहे हैं।
4-धार्मिक विवादों की गर्माहट-
जबलपुर के मड़ई क्षेत्र में जामा मस्जिद को लेकर विवाद प्रशासन और समाज के बीच एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, वहीं सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष तेज है। इस विवाद के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द और नागरिक सुरक्षा दोनों परीक्षा पर हैं।

5-महिलाओं को सौगात: लाड़ली बहना योजना में बढ़ी राशि-
‘लाड़ली बहना’ योजना के तहत अब देशभर में सबसे अधिक राशि प्रति माह दी जा रही है- प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया है। इससे लाखों महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और परिवार में ज्यादा सम्मान मिलेगा। किसानों, कर्मचारी वर्ग व छोटे उद्यमियों के लिए भी कई नई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा हुई है- यह ग्रामीण भारत के लिए भी बड़ी राहत है।
निष्कर्ष:
मध्य प्रदेश इन दिनों राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय, प्रशासनिक रूप से सजग और समाज की जरूरतों के प्रति संवेदनशील राज्य के रूप में सामने आ रहा है। न्याय, विकास, महिला सशक्तिकरण, संगठन और धर्म के सवालों पर रोज़ नई कहानी लिखी जा रही है। आने वाले हफ्तों में किस मुद्दे को कितना मूवमेंट मिलता है, यह देखना दिलचस्प रहेगा; फिलहाल तो प्रदेश की सियासी धड़कनें तेज़ हैं!





