महाकवि कालिदास के ग्रंथ विश्व साहित्य की धरोहर हैं
कालिदास प्रसंग का शुभारंभ चित्र प्रदर्शनी के साथ हुआ
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन द्वारा दो दिवसीय कालिदास प्रसंग के आयोजन के प्रथम दिवस प्रथम सत्र में स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थित कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम के परिसर में महाकवि कालिदास के साहित्य पर केंद्रित पुरस्कृत चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । शुभारंभ जिला पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनंद प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता एवं मानस मर्मज्ञ पं. दशरथ भाईजी ब्रह्माकुमारी हेमलता बहन की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनंद ने कहा कि कला और साहित्य से जुड़े आयोजनों से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। महाकवि कालिदास की रचनाएं विश्व साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। आपने कहा कि मुझे यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि इतने महान कवि का संबंध मंदसौर से भी रहा है।निश्चित रूप से यहां के गौरवशाली इतिहास में महाकवि कालिदास का होना हम सबके लिए अनुपम उपलब्धि है।
कथा प्रवक्ता मानस मर्मज्ञ पं. दशरथ भाईजी ने कहा कि संस्कृत साहित्य को समृद्ध करने में महाकवि कालिदास रचित साहित्य बड़ा माध्यम हैं। महाकवि कालिदास द्वारा रचित ग्रंथों से संस्कृत साहित्य को अत्यधिक समृद्धता प्राप्त हुई है।
नगर के प्राचीन इतिहास का गौरव महाकवि कालिदास का यहां से संबंध होना प्रकट करता है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे महान कवि ने हमारे आराध्य भगवान पशुपतिनाथ की भी आराधना की है।
ब्रह्मा कुमारी हेमलता बहन ने कहा कि महाकवि कालिदास के साहित्य को केवल भारत में ही नहीं वरन समूचे विश्व में सम्मान मिला है। हमें गर्व है कि महाकवि का मंदसौर से गहरा नाता रहा है।
आरंभ में स्वागत उद्बोधन देते हुए कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के निदेशक डॉ. गोविंद दत्तात्रेय गंधे ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि कविकुलगुरु महाकवि कालिदास ने अपने मेघदूत ग्रंथ में अष्टमूर्ति और दशपुर का उल्लेख किया है जो प्राचीन व धार्मिक नगरी मंदसौर से उनके गहरे रिश्ते को प्रगट करता है। आपने बताया कि कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के द्वारा मंदसौर में यह कालिदास प्रसंग का यह दसवां आयोजन है जिसमें सुश्री शुभदा वराडकर मुंबई और उनके दल द्वारा ऋतुसंहार पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी निशांत शर्मा के निर्देशन में स्थानीय कलाकार भी प्रस्तुति देंगे। दूसरे दिन लगभग 20 विद्वतजन कालिदास साहित्य पर केंद्रित शोध पत्रों का वाचन करेंगे।
डॉ गन्धे ने बताया कि विगत एक दशक की पुरस्कृत और चयनित श्रेष्ठ कला चित्रों की प्रदर्शनी मंदसौर कालिदास प्रसंग पर लगाई है जो सभी के लिये दो दिनों तक खुली रहेगी । इसमें देश के विभिन्न हिस्सों के कलाकारों द्वारा बनाया गया है।
इस अवसर पर जनपरिषद अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल श्री पशुपतिनाथ संस्कृत पाठशाला आचार्य पं. विष्णु ज्ञानी मंचासीन थे। अतिथियों का स्वागत अकादमी के निदेशक डॉ. गंधे ने किया।
संचालन कालिदास प्रसंग के स्थानीय संयोजक वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी ने किया आभार कालिदास अकादमी कार्यक्रम प्रभारी अनिल कुमार बारोद ने माना।
आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया संस्कृत पाठ शाला के वेद पाठी विद्यार्थियों ने मंगलाचरण किया। अतिथियों व आगंतुक महानुभावों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री शुभदा वराड़कर मुंबई संगीत प्रशिक्षक व कलाकार निशांत शर्मा, नृत्यांगना श्रीमती सन्नाली शर्मा, योग गुरु बंशीलाल टांक, पत्रकार लोकेश पालीवाल, लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय जन भागीदारी समिति अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार द्विवेदी शास.महा. संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. के आर सूर्यवंशी हिमांशु पांडेय फ़ोटो जर्नलिस्ट मुकेश आर्य कलपेन्द्र एवं गणमान्य जन भी उपस्थित थे।