महंत 1008 पुष्पेंद्र महाराज एवं अखंड ज्ञान आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी देवस्वरूपानन्द ने ज्योत प्रज्ज्वलित कर की मां कालिका की आरती!

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महंत 1008 पुष्पेंद्र महाराज एवं अखंड ज्ञान आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी देवस्वरूपानन्द ने ज्योत प्रज्ज्वलित कर की मां कालिका की आरती!

Ratlam : शारदीय नवरात्रि पर्व सोमवार से प्रारंभ हुआ इस दौरान शहर के प्राचीन मां कालिका माता मंदिर पर श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट द्वारा विभिन्न आयोजन किए जा रहें हैं ट्रस्ट अध्यक्ष राजाराम मोतियानी, उपाध्यक्ष मोहनलाल भट्ट, सचिव हरीश कुमार बिंदल ने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन माता रानी का आकर्षक श्रंगार किया गया। मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया तथा सुगंधित वातावरण में नागरिकों ने माता रानी के दर्शन किए प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में बड़ा रामद्वारा महंत 1008 पुष्पेंद्र महाराज एवं अखंड ज्ञान आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी देवस्वरूपानन्द द्वारा ज्योत प्रज्वलित कर माता रानी की आरती की गई।

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नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन शाम को निराश्रित भाइयों के लिए अन्नक्षेत्र संचालित किया जाएगा। अन्नक्षेत्र के लिए भट्टी पूजन पुष्पेंद्र महाराज व स्वामी देवस्वरूपानन्द द्वारा किया गया इस अवसर पर ट्रस्ट ने पुष्पेंद्र महाराज व स्वामी देवस्वरूपानन्द का सम्मान भी किया। ट्रस्ट के पूरणमल अग्रवाल राजेंद्र शर्मा, विश्वदीप टंडन, चिराग देवड़ा, नरेंद्र गेलड़ा, वीणा गोयल सहित विभिन्न सदस्य मौजूद थे शाम को निराश्रितों के भोजन का शुभारंभ महापौर प्रहलाद पटेल ने किया मंदिर परिसर में सुबह तथा शाम को गरबा रास के माध्यम से महिलाओं द्वारा माता रानी की आराधना की जा रही हैं!

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*नवरात्रि पर्व पर विशेष!* नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना को समर्पित है। यह पर्व शक्ति, भक्ति और उल्लास का प्रतीक हैं!

*नवरात्रि का महत्व!*

नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का उत्सव भी हैं। यह पर्व अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है और देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं!

*नवरात्रि के 9 दिन!*

नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग रूप की पूजा की जाती है!

प्रथम दिन: मां शैलपुत्री की पूजा

द्वितीय दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

तृतीय दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा

चतुर्थ दिन: मां कूष्मांडा की पूजा

पंचम दिन: मां स्कंद माता की पूजा

षष्ठम दिन: मां कात्यायनी की पूजा

सप्तम दिन: मां कालरात्रि की पूजा

अष्टम दिन: मां महागौरी की पूजा

नवम दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा

की जाती हैं!