Maharashtra Assembly Elections : भाजपा बागियों को मना नहीं सकी, जहां भाजपा मजबूत वहां बागी भी ज्यादा!
बागियों में कई ऐसे, जिनका टिकट काटा गया या सीट गठबंधन के कारण दूसरी पार्टी के खाते में गई!
Mumbai : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन तक राज्य में सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने वाली भाजपा बागियों को मनाने में सफल नहीं हो सकी। बड़ी संख्या में बागी उन सीटों पर उतर रहे हैं, जहां पार्टी की जीत की अच्छी संभावनाएं मानी जाती हैं। ऐसे में यह चिंता का कारण है। बागी नेताओं में से कई ऐसे हैं, जिनका टिकट काटकर किसी और को दिया गया या फिर सीट ही गठबंधन के दल के खाते में चली गई। शाइना एनसी का केस तो सबसे दिलचस्प है, उन्होंने टिकट के लिए एकनाथ शिंदे गुट का ही दामन थाम लिया है। वह मुंबा देवी से उम्मीदवार होंगी।
भाजपा को मुंबा देवी के अलावा अकोला पश्चिम, बोरिवली जैसी सीटों पर भी बगावत झेलनी पड़ रही। बोरिवली विधानसभा से अब तक टिकट की उम्मीद लगाए बैठे गोपाल शेट्टी ने बगावत कर दी। वे निर्दलीय उतर रहे हैं, जबकि पार्टी ने यहां से संजय उपाध्याय को उतारा है।
सीनियर लीडर आशीष शेलार ने शेट्टी को राजी करने के लिए सोमवार रात को मुलाकात भी की, लेकिन वे मुकाबले पर अड़े हुए हैं। वहीं शाइना एनसी ने तो पाला ही बदल लिया। वह सहयोगी दल शिवसेना में चली गई और एकनाथ शिंदे गुट ने उन्हें मुंबा देवी से उम्मीदवारी भी दे दी।
शाइना एनसी की दावेदारी वरली सीट से थी, लेकिन भाजपा ने यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना को दे दी। अंत में शाइना एनसी ने उसी शिवसेना में एंट्री कर ली और अब वे मुंबा देवी सीट पर कांग्रेस के आमीन पटेल को टक्कर देंगी। दिलचस्प बात यह है कि इसी सीट पर भाजपा से अतुल शाह निर्दलीय उतरने को तैयार हैं। उनका कहना है कि शाइना एनसी को यहां उतारना गलत है। यह सीट भाजपा के खाते में रहनी चाहिए। अब शाह की बगावत से महायुति के वोटों में बंटवारे की पूरी संभावना है।
बांद्रा (ईस्ट) सीट पर भी मुकाबला बढ़ गया है। यहां अजित पवार गुट ने जीशान सिद्दीकी को उतारा, जबकि शिवसेना के शिंदे गुट ने कुणाल सरमालकर को उतारा है। इस तरह गठबंधन के ही दो दल आमने-सामने हैं। अकोला (पश्चिम) से भाजपा के सीनियर लीडर हरीश आलिमचंदानी ने निर्दलीय उतरने का ऐलान कर दिया। वहीं भाजपा ने यहां से पूर्व मेयर विजय अग्रवाल को उतारा है। इस तरह अकोला पश्चिम सीट पर भाजपा की संभावनाओं पर सीधा असर पड़ेगा और यहां भी मुकाबला कड़ा हो गया।
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