महिला क्रिकेट को आगे ले जाने में महाराष्ट्र ने बाजी मारी!

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महिला क्रिकेट को आगे ले जाने में महाराष्ट्र ने बाजी मारी!

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– अनुराग तागड़े

 

मध्यप्रदेश और खासतौर पर इंदौर को खेल राजधानी कहा जाता है। क्रिकेट में प्रदेश का गढ़ इंदौर ही रहा है। लेकिन, बीते कुछ सालों से महिला क्रिकेट को लेकर आम जनता से लेकर बीसीसीआई में भी काफी उत्साहवर्धक माहौल बना है। महिला क्रिकेटरों को अब पुरुष क्रिकेटरों के समान ही सुविधाएं भी मिल रही है और महिलाएं भी अपने खेल के माध्यम से अपनी अलग छाप छोड़ती जा रही है। कुछ समय पहले तक बीसीसीआई ने प्रत्येक राज्य क्रिकेट संगठनों को आईपीएल और डब्ल्यूपीएल के तर्ज पर राज्यों में अपनी क्रिकेट की प्रीमियर लीग आरंभ करने की अनुमति दी थी। कई राज्यों ने इसके बाद अपने यहां पर पुरुषों की क्रिकेट लीग आरंभ भी की जिसके काफी अच्छे परिणाम भी सामने आए और टीमें भी खरीदी गई और खिलाड़ियों को भी अपने राज्य में काफी मान सम्मान बढा।

महिला क्रिकेट के मामले में महाराष्ट्र की सक्रियता ज्यादा दिखाई देती है। पिछले साल ही पुरुषों के लिए एमपीएल (महाराष्ट्र प्रीमियर लीग) वहां आरंभ कर दी, जिसे काफी सराहा गया। इस साल से महिलाओं के लिए वुमेन्स महाराष्ट्र प्रीमियर लीग आरंभ करने की घोषणा कर दी। महाराष्ट्र ने जिस प्रोफेशनल तरीके से इसे अंजाम दिया वह देखने लायक है। देश के अन्य क्रिकेट संगठन इससे सीख सकते है। इस स्पर्धा में स्मृति मंधाना, देविका वैद्य, अनुजा पाटिल, किरण नावगिरे, श्रद्धा पोखरकर जैसे बड़े नाम भी शामिल किए गए। ये खिलाड़ी इस लीग में खेलेंगे। इतना ही नहीं इसका लाईव प्रसारण जियो सिनेमा और स्पोर्ट्स 18 पर किया जाएगा ताकि पूरा देश इसे देख सके।

इतना ही नहीं डब्ल्यूएमपीएल (वुमेंस महाराष्ट्र प्रीमियर लीग) की टीमों को खरीदने के लिए तीन साल के लिए 3 करोड़ का बेस प्राईज रखा गया है। विजेता टीम को बीस लाख का इनाम दिया जाएगा और उपविजेता को दस लाख का। महाराष्ट्र की सितारा महिला खिलाड़ियों के अलावा अन्य खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन के लिए प्लेटफार्म मिलेगा। इसके अलावा शानदार ट्रेनिंग और अन्य सुविधाएं मिलेंगी और पैसा और प्रसिद्धि भी मिलेगी। महाराष्ट्र के खिलाड़ियों को देशभर में देखा जाएगा और अगले वर्ष के डब्ल्यूपीएल के लिए और राष्ट्रीय टीम के लिए महाराष्ट्र के खिलाड़ियों के ऊपर ध्यान ज्यादा जाएगा।

मध्यप्रदेश में भी क्रिकेट प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पुरुषों में तो कई खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में भी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे है और आईपीएल में भी कर रहे है। महिला क्रिकेटरों में भी प्रदेश के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरुरत है पहल करने की। इंदौर महिला क्रिकेट को लेकर गढ़ बन चुका है। प्रदेश भर से लड़कियां अब इंदौर के विभिन्न क्लबों में प्रशिक्षण प्राप्त करने आ रही है। मध्यप्रदेश में अभी पुरुषों के लिए राज्य स्तर की लीग आरंभ करने की बात हुई, परंतु अभी ड्राफ्ट सामने नहीं आया।

जहां तक महिलाओं के टूर्नामेंट की बात की जाए तो साल भर में सभी आयु वर्ग में डिविजन और फिर प्रदेश स्तर पर खेलने को मिलता है। अलग से टूर्नामेंट आयोजित नहीं किए जाते, इसका परिणाम यह हुआ है कि कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने अन्य राज्यों की ओर रुख करना आरंभ कर दिया है। प्रदेश में क्रिकेट के कर्ताधर्ता चाहे तब पुरुष और महिला क्रिकेटरों के लिए एक साथ लीग आरंभ कर सकते है और प्रदेश भर में ऐसे उद्योगपतियों की भी कमी नहीं जो टीमों को खरीद सके जरुरत है पहल करने और यह पहल सही समय पर होगी तभी महिला क्रिकेटरों को फायदा होगा।