
Mahesh Bansal’s Terrace Garden Coffee Table Book: टेरेस गार्डन पर विश्व की पहली कॉफ़ी टेबल बुक का गार्डन के माली और सहायक ने भी किया अतिथि रूप में लोकार्पण
‘पुष्प गंगा’ पुस्तक को लिखने की प्रेरणा ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ स्वाति तिवारी से मिली
128 पृष्ठों की पुस्तक में 101 फूलों के 325 चित्रों को संजोया – वजन हो गया लगभग 1 किलोग्राम
इंदौर, 15 दिसम्बर। शहर के पुष्प एवं पर्यावरण प्रेमी महेश बंसल ने अपने मनीष बाग स्थित निवास “आशादीप” की छत पर संजोए गए टेरेस गार्डन पर आधारित विश्व की पहली कॉफ़ी टेबल बुक “पुष्प-गंगा” के लोकार्पण समारोह में अपने माली बब्बू भैया और सहयोगी लोकेश कुमार को भी विशेष अतिथि के रूप में मंच पर आमंत्रित कर मुख्य अतिथि आदिम जाति कल्याण विभाग के इंदौर एवं उज्जैन संभाग के डिप्टी कमिश्नर एवं पर्यावरणविद ब्रजेश चंद्र पाण्डेय एवं अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन, लोकार्पण एवं अतिथि स्वागत में भागीदार बनाकर नींव के पत्थर की तरह सम्मान देने का अनूठा संयोजन किया।

निपानिया स्थित एक होटल के सभागृह में आयोजित इस लोकार्पण समारोह में चित्रकार पंकज अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी एवं लेखक अशोक जोशी भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जिन्होंने 128 पृष्ठों की इस पुस्तक में 101 फूलों के 325 चित्रों का प्रकाशन कर उनकी सुन्दरता का वर्णन भी किया है।

प्रारंभ में लेखक महेश बंसल की दिनचर्या और टेरेस गार्डन पर आधारित लघु फिल्म “पुष्प पथिक“ का प्रदर्शन कर उपस्थित मेहमानों को पुस्तक के प्रत्येक पन्नों को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया। इस मौके पर बंसल ने अपनी पुस्तक में पौधों और पुस्तकों की वसीयत भी इंगित की और देहदान एवं मेडिकल वसीयत का भी उल्लेख किया है। इसकी मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों ने खुले मन से सराहना की।
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मुख्य अतिथि पाण्डेय ने कहा कि महेश बंसल ने ईमारत में नींव को अपने पसीने से सींचने वाले माली के परिश्रम को भी याद रखा जो बहुत प्रेरणादायक है। आज के समय में एक चिट्ठी लिखकर पोस्ट करने की आदत लुप्त हो गई है, ऐसे में महेश बंसल ने 5 हजार लोगों को पिछले कुछ वर्षों में और पिछले दो माह में 900 से अधिक लोगों को स्पीड पोस्ट से निशुल्क बीज भेजकर बहुत बड़ी मिसाल पेश की है।
लेखक एवं समीक्षक अशोक जोशी ने इस पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए कहा कि 930 ग्राम और 1 हजार रुपए मूल्य की यह पुस्तक रूपरंग एवं सुगंध बिखेरते हुए प्रकृति से जुड़ने की अनूठी अनुभूति देती है। प्रत्येक पृष्ठ पर पौधों से संबंधित विद्वानों के कोटेशन प्रेरणा देते हैं। लेखक महेश बंसल ने कहा कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ स्वाति तिवारी से मिली थी।

उन्होंने कहा – भारतीय संस्कृति में स्वर्ण सीढ़ी परंपरा रही है लेकिन आज परिवार छोटे हो रहे हैं, विवाह की आयु बढती जा रही है, ऐसे समय में पड़पोते का सुख मिलना दुर्लभ हो गया है। बागवानी प्रेमी बच्चों की तरह इन पौधों को पालते हैं और जब पौधे स्वयं फल देते हैं, बेबी पौधे देते हैं, कटिंग देते हैं और उसे हम बिना अपेक्षा एवं रोकटोक के किसी और को दे देते हैं- यह स्वर्ण सीढ़ी आरम्भ होने का अनुभव लगता है। “वितरण” की यह श्रृंखला निरंतर चलती रहे तो यह केवल स्वर्ण सीढ़ी नहीं, डायमंड, प्लेटिनम एवं उससे भी ऊपर की सीढ़ी बन जाएगी। “दिया नहीं तो जिया क्या”- इस मंत्र के साथ पौधे, बीज और कटिंग बांटते रहना चाहिए।
कार्यक्रम में आने वाले सभी अतिथियों को पुष्प गणेश के पौधे भेंट किए गए और पुष्प गंगा पुस्तक भी सप्रेम भेंट की गई। इस कॉफ़ी टेबल बुक के लिए बंसल ने गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दावा प्रस्तुत करने की बात भी कही क्योंकि पुस्तक प्रकाशन का विचार आने पर जब उन्होंने गूगल, इन्स्टाग्राम, यूट्यूब एवं अन्य स्त्रोत पर तलाश की तो टेरेस गार्डन पर आधारित किसी कॉफ़ी टेबल बुक का उल्लेख नहीं मिला। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी, केसर पर्वत के सृजक डॉ. एसएल गर्ग, चित्रकार पंकज अग्रवाल एवं राजेश शर्मा, पर्यावरणविद डॉ. ओपी जोशी, नंदकिशोर प्रजापति, डॉ. संगीता भारुका, यूट्यूबर दिल्ली की नीलम ढींगरा एवं अग्रसेन महासभा के अध्यक्ष कैलाश नारायण बंसल सहित अनेक पर्यावरणविद, बागवानी प्रेमी एवं समाज बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ वन्दे मातरम से हुआ और समापन राष्ट्रगान से। संचालन श्रीमती दिव्या वेदा ने किया।





