Maheshwar Mahashivratri: नर्मदा तट पर शिव-सत्य कला कार्यक्रम ने हजारो लोगो को किया मंत्रमुग्ध
खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट
खरगोन: जिले की पवित्र नगरी महेश्वर में बीती रात महाशिवरात्रि के पर्व पर नर्मदा के तट पर सम्पन्न हुए शिव-सत्य कला पर आधारित कार्यक्रम में देवि घाट पर मौजूद हजारो लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाशिवरात्रि की रात गुजरात के भजन सम्राट हेंमत चौहान के नाम रही। इस दौरान उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा आयोजित शिव सत्य कार्यक्रम में बंगलोर के भरतनाट्यम के पार्श्वनाथ उपाध्याय की टीम की अनूठी प्रस्तुति आकर्षक रही।
प्रदेश के संस्कृति विभाग के द्रवारा पहली बार आहिल्या घाट पर शिव सत्य कला को लेकर आयोजित इस आयोजन को महेश्वर के लोग वर्षो तक भूला नही पायेगे। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से नर्मदा तट पर विश्व प्रसिद्ध आहिल्या घाट पर भव्य और आकर्षक मंच बनाया गया था।
पहली बार महाशिवरात्रि पर हुए आयोजन को लेकर लोगो मे काफी उत्साह देखा गया। गुजरात के भजन गायक हेंमत चौहान की प्रस्तुति ऊॅ मंगलम औंकार मंगलम, शिव की जटा से बहती है गंगा और लहर लहर बम लहरी की प्रस्तुति ने मौजूद लोगो की महाशिवरात्रि सार्थक कर दी।
लोग भोलेनाथ के भजनो में लीन हो गये। प्रदेश में सरकार पहली बार विभिन्न धार्मिक स्थानो पर संस्कृति विभाग के माध्यम से शिव सत्य कला कार्यक्रमो का आयोजन कर रही है। महाशिवरात्रि की रात को हुए इस आयोजन ने शिव-सत्य कला की जहाॅ सार्थकता साबित की वही आकर्षक प्रस्तुति ने मौजूद लोगो को मनमोह लिया।
बैंगलोर की पुण्य डांस कंपनी के समूह द्वारा भरतनाट्यम की अद्भुत नाट्य शैली में प्रस्तुतियां दी गई। इस प्रस्तुति में शिव-सती के मिलन और पुनर्मिलन से दर्शक साक्षात हुए।
प्रस्तुति में महादेव जब अपनी प्रिय सती को दक्ष के महायज्ञ में खो देते है तब शिव महांकाल बन जाते है। इसके बाद महांकाल की जटा से वीरभद्र प्रकट होकर दक्ष के यज्ञ को तांडव नृत्य से तहस नहस कर देते है। काम क्रोध आदि नश्वर गुणों के स्वरूप कामदेव को महादेव अपने त्रिनेत्र से भष्म कर देते है। इस नृत्य के दौरान शिव तांडव के समय घनघोर बादलों की गड़गड़ाहट और आकाश की गर्जना के बाद पानी की बूंदों का अद्भुत स्पर्श का दर्शकों को अहसास हुआ।
Also Read: Panna National Park: पन्ना नेशनल पार्क में मिले दुर्लभ कृष्ण मृग, ड्रोन कैमरे में कैद हुए
वही भक्ति गायन में अनुजा एवं विनय रामदासन ने भगवान शिव की स्तुति में शास्त्रीय रागों पर आधारित सुमधुर रचनाएँ प्रस्तुत की गई। इसमें शिवाय रूद्राय महेश्वराय श्लोक पर आधारित रस ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दोनों कलाकारों ने मधुर संगीत की छटा की अमिट छाप छोड़ी गई।महाशिवरात्रि के इस कार्यक्रम में और भी भक्ति की बयार बही जिसमें शिव भक्ति से भक्त सराबोर होते रहे।