Indore : मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ अर्चना जायसवाल ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा लाई नई शराब नीति से प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार और अपराध की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा। शिवराज सरकार द्वारा ‘घर-घर दारू-घर-घर बार’ बनने से प्रदेश की महिलाओं में अभी से खौफ नजर आने लगा है। नई शराब नीति आने के दो दिन में ही अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।
कांग्रेस नेत्री ने अपने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जहां एक और प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी की मार झेल रही है, भारी भरकम बिजली के अनाप-शनाप बिलों की वसूली से त्रस्त है। वहीं कोरोना की पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर के चलते भयभीत है। ऐसे में शिवराज सरकार द्वारा लोगों को राहत देने के बजाय शराब के नशे में डुबाने की नीयत समझ से परे है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्व इकट्ठा करने के लिए वे तो केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। प्रदेश की जनता खासकर अपनी बहनों और भांजियों की और न शिक्षित बेरोजगारों की उन्हें किंचित मात्र भी चिंता नहीं है। वे तो सस्ती शराब पिलाकर लोगों का मूल भावनाओं से ध्यान भटकाकर इस प्रदेश को गर्त में धकेलने का काम कर रहे हैं। शिवराज जी की शराब प्रेम नीति आखिर किस एजेंडे के तहत हैं चिंतनीय विषय है!
अर्चना जायसवाल ने कहा कि शिवराज सरकार का शराब प्रेम साफ दिखाई दे रहा है। सरकार प्रदेश की जनता को शराब के दलदल में धकेलना चाहती है। पूरे प्रदेश में रहवासी क्षेत्रों में बड़े-बड़े शराब के अहाते खुले हुए हैं। इससे प्रदेश का माहौल खराब होता है। इन्हें बंद करने की बजाय बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर जो खुद एक साध्वी हैं वे शराब के सेवन को औषधि बता रहीं हैं, यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है। आखिर भाजपा के नेता और भाजपा सरकार में बैठे लोग समाज को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं, विकास की और या विनाश की और, ये समझ से परे है।
कांग्रेस नेत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को अपने कथन अनुसार मैदान में आना चाहिए और शिवराज सरकार द्वारा शराब नीति की जो घोषणा की गई थी, उसका विरोध कर शराबबंदी अभियान को शुरू करने को अभियान जल्द प्रारंभ करना चाहिए। महिला कांग्रेस उनके साथ खड़ी होकर उनका समर्थन करेगी।