Major Political Issue : झाबुआ जिला पंचायत पर कांग्रेस रहेगी काबिज या खिलेगा कमल, भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव, 15 मई को मतदान

771

Major Political Issue : झाबुआ जिला पंचायत पर कांग्रेस रहेगी काबिज या खिलेगा कमल, भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव, 15 मई को मतदान

कांग्रेस ने झाबुआ के 3 वरिष्ठ नेताओं को किया निष्कासित

झाबुआ से कमलेश नाहर की रिपोर्ट

झाबुआ। झाबुआ जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के ठीक पहले कांग्रेस में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। कांग्रेस प्रदेश संगठन ने थांदला विधानसभा क्षेत्र के अपने तीन वरिष्ठ नेताओं – गेंदाल डामोर, राजेश डामोर और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इन नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव में सहयोग किया और पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रचा। संगठन ने तीनों से जवाब भी मांगा है।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को शिकायत मिली थी कि जिला पंचायत में बीजेपी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लाने में कांग्रेस के ही कुछ पदाधिकारी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पार्टी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निलंबन के आदेश जारी किए।

कांग्रेस को लगा झटका, बीजेपी की बढ़त स्पष्ट

झाबुआ जिला पंचायत में कुल 14 सदस्य हैं। इनमें से अब 8 सदस्य भाजपा के साथ हैं, जबकि कांग्रेस के पास केवल 6 सदस्य बचे हैं। शुरुआत में पंचायत चुनाव के वक्त बीजेपी के 6 सदस्य थे, कांग्रेस के 1और एक निर्दलीय रेखा निनामा थीं जो जयस समर्थित मानी जाती थीं। बाद में कांग्रेस से बगावत कर मालू अकमाल निर्दलीय लड़े।

वहीं, विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस के विजय भाभर (वार्ड नंबर 5) और ममता हटीला ने भाजपा का दामन थाम लिया। इससे भाजपा को बहुमत का आंकड़ा छूने में मदद मिली।

कांग्रेस बैकफुट पर-

इस निलंबन से यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी को विश्वास प्रस्ताव लाने में अंदरखाने कांग्रेस के कुछ नेताओं का समर्थन प्राप्त था। शांति राजेश डामोर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, गेंदाल डामोर जनपद अध्यक्ष रह चुके है और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, वहीं राजेश डामोर भी संगठन में सक्रिय भूमिका में हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर अब 15 मई को जिला पंचायत में मतदान होना है। उससे पहले कांग्रेस में हुई यह कार्रवाई झाबुआ की राजनीति में भूचाल ला सकती है। उधर खबर ये भी है कि थांदला के खवासा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य कालीबाई भी कांग्रेस के संपर्क में नहीं हैं, जिससे पार्टी की चिंताएं और बढ़ गई हैं।