Malwa-Nimar in Cabinet : 15 में से 7 जिलों से कोई मंत्री नहीं, दिग्गजों को हराने वाले भी हाशिए पर!
Indore : डॉ मोहन यादव के 30 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में कई तरह के रंग दिखाई दिए। यदि मंत्रिमंडल में शामिल मालवा-निमाड़ के सदस्यों की बात की जाए तो इनकी संख्या मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत 7 है। शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों को इस बार जगह नहीं मिली।
मालवा-निमाड़ में 66 सीटें हैं। इस बार भाजपा ने 48 सीट जीती। यही कारण है कि उसे 7 मंत्रियों का तोहफा मिला। इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में इंदौर, देवास, खंडवा, शाजापुर, बुरहानपुर और नीमच की सभी सीटें भाजपा की झोली गई। इसके बाद भी खरगोन, धार, देवास, आगर-मालवा, नीमच, बड़वानी, बुरहानपुर से एक भी विधायक को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। 8 जिलों को मंत्रिमंडल को प्रतिनिधित्व मिला, जबकि 7 जिले प्रतिनिधित्व से वंचित रहे। शिवराज मंत्रिमंडल में रहे ओमप्रकाश सखलेचा, हरदीप सिंह डंग और उषा ठाकुर मंत्री नहीं बन सके।
मंत्रिमंडल में दो ऐसे सदस्य हैं, जिन्हें पहली बार ये मौका दिया गया। ये हैं अलीराजपुर के नागर सिंह चौहान और रतलाम से चेतन कश्यप। नागर सिंह आदिवासी सीट से जीते हैं और चेतन कश्यप जैन समाज से है। नागर सिंह को मंत्री बनाने को आदिवासियों में नए नेतृत्व की तैयारी की तरह देखा जा रहा है। पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया को भी कैबिनेट में लिया गया है। एक अकेली महिला है, जिन्हें मालवा-निमाड़ से मंत्री बनाया गया। जबकि, मालिनी गौड़, अर्चना चिटनीस और नीना वर्मा के नाम भी चर्चा थे।
धार लोकसभा से कोई मंत्री नहीं
कहा जा रहा था कि हर लोकसभा क्षेत्र से एक विधायक को मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन, इसमें धार लोकसभा को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिला। जबकि, रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र से 3 कैबिनेट मंत्री बनाए गए। रतलाम से चेतन कश्यप, झाबुआ से निर्मला भूरिया और अलीराजपुर से नागर सिंह चौहान को लिया गया।
जिन्हें मंत्री नहीं बनाया गया
इसे मंत्रिमंडल की विसंगति कहा जाना चाहिए कि जिन नेताओं ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके घर में हराया, उन्हें भी मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। सोनकच्छ से सज्जन सिंह वर्मा को हराने वाले सांवेर से पहले विधायक रहे डॉ राजेश सोनकर, महेश्वर में डॉ विजयलक्ष्मी साधौ को हराने वाले राजकुमार मेव को जगह नहीं मिली। एक बड़ी विसंगति यह भी मानी जाएगी कि 2178 वोट से जीतने वाले गोविंद राजपूत को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई, पर एक लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाले इंदौर-2 विधानसभा क्षेत्र के रमेश मेंदोला को बाहर रखा गया।