‘मैन प्रपोजेज, गॉड डिसपोजेज’…

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‘मैन प्रपोजेज, गॉड डिसपोजेज’…

‘मैन प्रपोजेज, गॉड डिसपोजेज’ यानि मनुष्य प्रस्ताव करता है, ईश्वर निपटारा करता है…यह कहावत फिलहाल मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के फैसले पर पूरी तरह लागू हो रही है। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के लिए सबसे ज्यादा चर्चित नाम राजेश राजौरा का था। और जिस तरह उनकी सीएम सचिवालय में प्रभावी भूमिका है, उसमें यह लगभग तय माना जा रहा था कि 35 वें मुख्य सचिव राजौरा ही होंगे। पर जैसा सोचा गया, वैसा परिणाम सामने नहीं आया। निवर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा की विदाई के दिन राजौरा का नाम चलते-चलते अंतत: अनुराग जैन का नाम मध्यप्रदेश के 35वें मुख्य सचिव के पायदान पर आकर ठहर गया। तब तक हजारों शुभचिंतक राजौरा को बधाई दे चुके थे। हालांकि राजौरा ने बधाई स्वीकार नहीं की थी, यह बात और है। क्योंकि राजौरा ईश्वर की मंशा से रूबरू रहे होंगे। खैर अब अगस्त 2025 तक मध्यप्रदेश के प्रशासनिक गलियारे में अनुराग जैन की कार्यशैली पर सबकी नजरें रहेंगीं।

मुख्य सचिव का चेहरा सामने आने पर अनुराग जैन के बारे में सोशल मीडिया लबालब रहा। इसकी एक झलक में अनुराग जैन को पूरा कैद किया जा सकता है। ‘मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन होंगे। वे अगस्त 2025 तक इस पद पर रहेंगे। जैन 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं। मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा का सर्विस एक्सटेंशन 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। जैन को मुख्य सचिव बनाने से किसी भी अफसर को सुपर सीड नहीं किया जाएगा। उनकी नियुक्ति का आधार उनका अनुभव और सीनियोरिटी है। हालांकि वे सीएम डॉ मोहन यादव की पसंद भी हैं। अनुराग जैन को सीएस बनाने की चर्चा नौ महीने पहले भी हुई थी, जब सीएम डॉ. मोहन यादव से दिल्ली स्थित एमपी भवन में उनकी मुलाकात हुई थी। माना जा रहा था कि वे जल्द ही एमपी लौट सकते हैं। अनुराग जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। पूर्व मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन के समय भी जैन के मुख्य सचिव बनने की चर्चा थी, लेकिन केंद्र ने उन्हें नहीं छोड़ा। बता दें, अनुराग जैन के साथ राजेश राजौरा, एसएन मिश्रा, मोहम्मद सुलेमान और जेएन कंसोटिया के नाम भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में थे। 10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे अनुराग जैन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे अहम मंत्रालय रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की कमान दी गई है। जैन मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं। वे भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। जैन वित्त प्रबंधन के अच्छे जानकार माने जाते हैं। यही वजह है कि 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद कमलनाथ सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन मई 2020 में वे फिर से प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले गए। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है।’

सूचना सोशल मीडिया पर चस्पा है कि नवागत मुख्य सचिव अनुराग जैन सुबह 7:30 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट से भोपाल आएंगे। मध्य प्रदेश के 35 में चीफ सेक्रेटरी बने अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन को बेहतर काम के लिए 2023 में प्रधानमंत्री पुरस्कार मिला था। हालांकि जैन का नाम आने से पहले मुख्य सचिव के नाम पर राजौरामय माहौल था। फोटो भी सोशल मीडिया पर चस्पा हो रहे थे। और मैसेज भी था कि राजेश राजौरा होंगे मध्य प्रदेश के अगले मुख्य सचिव..वीरा राणा होंगी राज्य निर्वाचन आयोग की अध्यक्ष। पर जैन का नाम सामने आने के बाद राजौरा का नाम पीछे चला गया।

समझने का तरीका यह भी है कि क्यों चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं जैसा हम सोचते हैं और संभावना जताते हैं। एक पक्ष यह है कि मनुष्य प्रस्ताव रखता है और भगवान प्रस्ताव को दर्ज करते हैं। लगता है कि किसी भी समय प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन इस बीच भौतिक प्रकृति हमें वह देती है जो हमें मिलना चाहिए। और प्रकृति ने मध्यप्रदेश को 35वें मुख्य सचिव के रूप में अनुराग जैन का नाम तय कर दिया है। तो अब भी इस बात में संशय नहींं है कि 36वें मुख्य सचिव के रूप में मध्यप्रदेश राजौरामय होने की पूरी संभावना है।1989 बैच के आईएएस अफसरों में तब चुनौती देने वाला कोई नहीं होगा। और 1990 बैच के मध्यप्रदेश कैडर में पहले पायदान पर विराजे डॉ. राजेश राजौरा की राह में कोई बाधा नहीं होगी। 1990 बैच में भी केवल अलका उपाध्याय ही सेवा में रहेंगी। पर बात फिर वही है कि बस ‘मैन प्रपोजेज, गॉड डिसपोजेज’ पर किसी का वश नहीं है

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