जीवन के 94 बसंत देख चुके मानकचंद ने अपने घर से डाला वोट
ग्वालियर: जीवन के 94 बसंत देख चुके श्री मानकचंद ने यूँ तो कई बार अपने मताधिकार का उपयोग किया। पर ज्यादातर मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डाले। इस बार उन्हें थोड़ी चिंता थी कि अगर किसी का सहारा नहीं मिला तो कैसे वोट डालेंगे। उनके इस असमंजस को भारत निर्वाचन आयोग ने दूर कर दिया।
शुक्रवार 26 अप्रैल को घासमंडी ग्वालियर स्थित उनके घर पर मतदान दल पहुँचा और विधिवत बूथ बना दिया। फिर क्या मानकचंद ने खुशी-खुशी वोट डालकर अपने मताधिकार का उपयोग किया।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट से मतदान सामग्री प्रदान कर मतदान दलों को विशेष वाहनों द्वारा घर-घर वोट डलवाने के लिए रवाना किया गया।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने हरी झण्डी दिखाकर मतदान दल रवाना किए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी प्रशिक्षण श्रीमती अंजू अरूण कुमार, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजीव जैन, एआरओ श्री अतुल सिंह एवं डाक मत पत्र प्रभारी व एसडीएम मुरार श्री अशोक चौहान सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
ज्ञात हो बुजुर्गों व दिव्यांगों से घर-घर जाकर वोट डलवाने के लिये जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 120 रूट निर्धारित किए गए हैं। इसकी जानकारी सभी प्रत्याशियों को दी गई है। घर-घर वोट डलवाने के लिए 26 अप्रैल से शुरू हुआ प्रथम चरण 27 अप्रैल को भी जारी रहेगा। यदि कोई बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता घर पर नहीं मिलता है तो द्वितीय चरण में 28 अप्रैल को मतदान दल उनके घर पर वोट डलवाने पहुँचेंगे।
जीवन की आखिरी दहलीज पर खड़े बुजुर्गों ने उत्साह व उमंग के साथ डाले वोट
इसी तरह जिंदगी की आखिरी दहलीज पर खड़े अन्य बुजुर्गों ने अपने-अपने घर पर उत्साहपूर्वक मतदान किया। जिले के विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व के अंतर्गत श्रीराम कॉलोनी हरीशंकरपुरम निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती विद्यादेवी अग्रवाल, विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर के किलागेट क्षेत्र के निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग श्री मुन्नालाल शर्मा, डबरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिछोर निवासी लगभग 90 वर्षीय श्री जानकी प्रसाद ने भी शुक्रवार को अपने घर से पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान किया। अलग-अलग मतदान दलों ने इन सभी के घरों पर पहुँचकर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत बूथ बनाकर मतदान कराया।
जीवन के 88 बसंत देख चुकीं भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पवाया निवासी श्रीमती कमला देवी व चीनौर निवासी 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती सावित्री देवी ने भी अपने – अपने घर से वोट डाले।
दोनों पैरों से दिव्यांग 53 वर्षीय श्री रमेश ने भी अपने घर से मतदान किया। होरी का पुरा किलागेट ग्वालियर निवासी रमेश वोट डालकर गदगद थे। वे बोले कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये मतदाताओं को हर संभव सुविधायें मुहैया करा रहा है। अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक मतदान कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करें।
जब बुजुर्गों को पता चला कि वोट डलवाने सरकारी मुलाजिम उनके घर आए हैं तो उनकी ऊर्जा व उमंग देखते ही बनी। बुजुर्ग मुन्नालाल का कहना था कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी को अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करना चाहिए। विद्यादेवी बोलीं कि मेरी इच्छा मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डालने की थी, पर शारीरिक व्याधियों की वजह से मैं विवश थी। घर पर वोट डलवाकर मेरी लाचारी को भारत निर्वाचन आयोग ने दूर कर दिया। वोट डालने के बाद सभी बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं ने भारत निर्वाचन आयोग के प्रति धन्यवाद जताया।
ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत ग्वालियर जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उन बुजुर्गों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले उन सभी मतदाताओं को घर बैठे ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिन्होंने घर पर ही वोट डालने की सहमति दी है।
जिले में 2310 बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं ने दी है घर से ही मतदान करने की सहमति
संयुक्त कलेक्टर एवं डाक मत पत्र प्रभारी श्री अशोक चौहान ने बताया कि ग्वालियर जिले में 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कुल 2310 मतदाताओं ने फॉर्म-12डी भरकर घर पर ही वोट डालने के लिये सहमति दी है। इनमें 1675 बुजुर्ग मतदाता एवं 635 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।
कुल 2310 दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं में विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के 505, ग्वालियर के 445, ग्वालियर पूर्व के 447, ग्वालियर दक्षिण के 406, भितरवार के 267 एवं विधानसभा क्षेत्र डबरा के 240 मतदाता शामिल हैं।