मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। केंद्र सरकार द्वारा लिए निर्णय से देश-प्रदेश से गेहूं निर्यात तत्काल प्रतिबंधित किया गया है । इस अचानक लिए निर्णय का कई क्षेत्रों में विरोध दर्ज़ हुआ है।
मंदसौर कृषि उपज मंडी स्थित दशपुर मंडी व्यापारी संघ ने विरोध स्वरूप 17 मई को गेहूं और 18 मई को सभी जिंसों की नीलामी में भाग नहीं लेकर हड़ताल की घोषणा की है।
दशपुर मंडी व्यापारी संघ मंदसौर द्वारा लिखित सूचना मंदसौर मंडी प्रशासन एवं सचिव कृषि उपज मंडी को दी है।
व्यापारी संघ ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से मंदसौर सहित प्रदेश और देश के अनेकों व्यापारियों का बाहर भेजा जाने वाला गेहूं कांडला पोर्ट और मुंबई पोर्ट पर डंप पड़ा है। ऑर्डर के मुताबिक भी नहीं सप्लाई हो पा रहा है। बड़े नुकसान की आशंका हो गई है।
दशपुर मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष राजेंद्र नाहर, उपाध्यक्ष संतोष गोयल, महामंत्री कैलाश कर्नावट ने बताया कि मंगलवार को कोई भी व्यापारी गेहूं क्रय विक्रय नहीं करेगा।
विरोध स्वरूप बुधवार 18 मई को मंदसौर मंडी में किसी भी उपज की नीलामी में मंडी व्यापारी हिस्सा नहीं लेगा।
अध्यक्ष श्री नाहर ने बताया कि मंदसौर कृषि उपज मंडी में लगभग 700 पंजीकृत व्यापारी हैं।
व्यापारी संगठन के निर्णय से मंडी प्रशासन सतर्क हो गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की ए ग्रेड श्रेणी की मंदसौर कृषि उपज मंडी में उन्हैल, नागदा, झालावाड़, रिंगनोद, प्रतापगढ़ समेत विभिन्न स्थानों के किसान अपनी उपज नीलामी के लिए लाते हैं।
रविवार सोमवार को अवकाश से कामकाज नहीं हुआ अब हड़ताल से आगे दो दिन व्यापार बंद रहेगा। किसानों को भारी समस्या होगी।
औसतन मंदसौर कृषि उपज मंडी में 3 से 4 हजार किसानों का 30 – 40 हजार बोरी नीलामी का व्यापार होता है।
मज़ेदार बात यह है कि 8 मई को मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखने मंदसौर आये मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने डंके की चोट कहा कि मध्यप्रदेश का गेंहूं विश्व में धूम मचा रहा है। सरकारी खरीद कम हुई पर किसानों को विदेश में ऊंचे दाम मिल रहे हैं।
तत्काल केंद्र सरकार के निर्यात प्रतिबंध से बाजी पलट गई है। इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे पर स्थानीय स्तर पर व्यापारियों ने प्रतिबंध का विरोध किया है।