Mandsaur News – आयुर्वेद प्रकृति से जुड़ी पध्दति है और हम प्रकृति से ही खिलवाड़ कर रहे हैं – डॉ पुराणिक 

मंदसौर में स्वास्थ्य दिवस समारोह मना

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Mandsaur News – आयुर्वेद प्रकृति से जुड़ी पध्दति है और हम प्रकृति से ही खिलवाड़ कर रहे हैं – डॉ पुराणिक 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । दशकों से आयुर्वेद को अपेक्षित प्रश्रय नहीं मिल पाया , जबकि अन्य चिकित्सा के प्रति अधिक रुझान सरकारों , कर्णधारों और जनमानस का देखा गया यह वातावरण बदलने की आवश्यकता है यह बात कही पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी एवं दशपुर जागृति संगठन अध्यक्ष डॉ देवेंद्र पुराणिक ने ।

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आप शुक्रवार शाम मंदसौर के गौशाला भवन कालिदास मार्ग स्थित आयुर्वेद संस्थान अरविंद स्टोर पर आयोजित भगवान धन्वंतरि जयंती अवसर स्वास्थ्य दिवस समारोह मुख्य अतिथि थे । अध्यक्षता टीवी एवं आकाशवाणी कलाकार तथा प्रख्यात मालवी गीतकार श्री श्याम चौबे ने की ।

 

डॉ पुराणिक ने कहा कि मूलतः आयुर्वेद प्रकृति से जुड़ी चिकित्सा पध्दति है , प्रकृति पर्यावरण से जुड़ी है पर आधुनिकता और गैरजरूरी प्रतिस्पर्धा के चलते हम और समाज प्रकृति से ही खिलवाड़ कर रहा है ,

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अधिक पैदावार की होड़ में अंधाधुंध रासायनिक खाद का उपयोग किया जारहा है , प्रदूषित पानी में सब्जियां और अन्य पैदावार ली जारही है यह साबित भी होता जारहा है फिर भी गंभीरता नहीं देखी जारही इसके दुष्परिणाम हमे और बादवाली पीढ़ी को भुगतना पड़ रही है ।

आपने कहा जैविक खाद जैविक उत्पादन मोटा अनाज अब प्राथमिकता से उपयोग करना होगा , आयुर्वेद भी निरापद और स्थायी निदान की चिकित्सा है इसे सरकारी स्तर और समाज स्तर पर प्रोत्साहन देना ही होगा ।

आपने अरविंद स्टोर संस्थान की आयुर्वेद परंपरा की सराहना की ।

 

गीतकार श्री श्याम चौबे ने मालवी गीत प्रस्तुत किया और आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वंतरि को गीत माध्यम से स्मरण किया । कम खाओ – ग़म खाओ , जोगी ओर भोगी तुम कबहु न हो रोगी की की व्याख्या की ।

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आयुर्वेद ओषधि निर्माता श्री मिलिंद जिल्हेवार ने कहा कि हर चिकित्सा प्रणाली की विशेषता है वहीं कुछ प्रतिकूलता भी है । रोग और रोगी की परिस्थितियों अनुसार उपचार होना चाहिए । आयुर्वेद सदियों से विश्वसनीय है और सिद्ध पध्दति है जरूरत आयुर्वेद चिकित्सक , राज्यों व केंद्र सरकार द्वारा इसे समर्थन देने की है । विश्व के अनेक देशों में आयुर्वेद के प्रति अधिक प्रचार प्रसार है जबकि भारत आयुर्वेद का जनक माना जाता है पर वह स्थान नहीं मिल रहा ।

 

नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ कमलेश संगतानी ने कहा कि आयुर्वेद की तुलना आत्मा से की और अन्य पध्दति को मन का कारक माना । आत्मा स्थित आयुर्वेद श्रेष्ठ चिकित्सा है वहीं मन जिस प्रकार चंचल होता है वही स्थिति एलोपैथी व अन्य चिकित्सा की है ।

डॉ संगतानी ने माना कि आयुर्वेद की जड़ी बूटियों के चमत्कारिक लाभ जीर्ण रोगों में देखे गए हैं ।

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पूर्व पुलिस आईजी ( सुरक्षा ) श्री अशोक कुमार सोनी ,

जिला इंटक उपाध्यक्ष एवं पारीक परिषद संरक्षक श्री गोपाल गुरु ,

शिक्षाविद श्री सुनील कटलाना , समाजसेवी श्री विनायक भट्ट , आर्टिस्ट फोटोग्राफर श्री कौशल त्रिवेदी आदि ने आयुर्वेद पर अपने विचार व्यक्त किये ।

इसके पूर्व भगवान धन्वंतरि की पूजन आरती सामुहिक रूप से सम्पन्न हुई ।

आयुर्वेद स्वास्थ्य दिवस समारोह संचालन अरविंद स्टोर संस्थान संचालक वैद्य ललित बटवाल ने किया

 

इस अवसर पर गणमान्य जनों के साथ पंडित कृष्ण वल्लभ त्रिपाठी , केमिस्ट विवेक बटवाल , महेश चंदवानी , गुरुप्रसाद भंडारी , विबोध डायरेक्टर अभिषेक बटवाल , श्रीमती दिव्या भंडारी , केमिस्ट ऋषभ , श्रीमती योगिता , श्रीमती जागृति , सुश्री युविका , श्री अमिष सुश्री कनुश्री

आदि उपस्थित थे । आभार जनपरिषद जिला संयोजक डॉ बटवाल ने माना ।